नीतीश सरकार से इस्तीफा देने के बाद पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने एक बार फिर सरकार और सरकारी अधिकारियों पर निशाना साधा है। उन्होंने नीतीश सरकार को असंवेदनशील तक करार दे दिया। उन्होंने कहा कि आज सत्ता के सामने लोगों को हाथ जोड़ना पड़ रहा है। बता दें कि सुधाकर सिंह ने रविवार को कृषि मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया है।

सुधाकर सिंह ने अपने विधानसभा क्षेत्र कैमूर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “मैं अब मंत्री नहीं हूं। लेकिन हम लोग पहले भी प्रमुखता से काम करते रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। सत्ता में हम बदलाव के लिए आये हैं। यथास्थिति बरकरार रखने के लिए नहीं आये हैं। मुझसे कुछ लोगों को ये उम्मीद नहीं करनी चाहिए। जिन लोगों को लगा कि मैं इस व्यवस्था में फिट नहीं बैठता, उनको अलविदा कहने में हमने देर नहीं किया, इस्तीफा देने में हमने देर नहीं किया।”

सुधाकर सिंह ने आगे कहा, “हजारों लोग यहां बैठे हैं और इन लोगों का इस राज्य को बनाने में कुर्बानी है। आज गरीब लोगों को सत्ता के सामने हाथ जोड़ना पड़ रहा है, मिन्नतें करना पड़ रहा है। जो सरकारी लोग बैठे हैं वो ज्यादातर कृपा करके यहां आते हैं, पोस्टिंग लेकर तो आते ही नहीं। यहाँ हॉस्पिटल बना था इलाज के लिए लेकिन ये पुलिस बैरक में तब्दील हो गया। पुलिस बैरक कहीं भी बन सकता है लेकिन वो अभी तक नहीं हटा। सरकार की इससे ज्यादा असंवेदनशीलता क्या हो सकती है?”

दरअसल जब सुधाकर सिंह कृषि मंत्री बने थे, उन्होंने एक बयान दे दिया था, जिसके बाद नीतीश सरकार की काफी फजीहत हुई थी। उन्होंने कहा था, “कृषि विभाग के सारे अधिकारी चोर है और इस विभाग का प्रमुख होने के नाते मैं चोरों का मुखिया हूं। हमारे ऊपर भी कई सरदार मौजूद है और यह वही पुरानी सरकार है और इसके चाल चलन पुराने हैं। जनता को सरकार को लगातार आगाह करते रहना होगा।”

बता दें कि जब सुधाकर सिंह को कृषि मंत्री बनाया गया था, तब भी बहुत विवाद हुआ था। दरअसल उनके ऊपर चावल गबन का एक मामला दर्ज है, जिसको लेकर उनके विरोधी उन्हें और सरकार को घेरते थे।