बिहार की नीतीश सरकार में कृषि मंत्री रहे सुधाकर सिंह ने रविवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। सुधाकर सिंह आरजेडी कोटे से मंत्री बने थे और आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं। उनके इस्तीफे के बाद लोग आश्चर्य में पड़ गए। दरअसल जगदानंद सिंह भी कुछ इसी तरह के तेवरों वाले नेता रहें हैं। वैसे तो जगदानंद सिंह आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के काफ़ी करीबी हैं। लेकिन 30 साल पहले जब वो लालू सरकार में मंत्री थे, उन्होंने अचानक अपना इस्तीफा लालू यादव को भेज दिया था।

दरअसल बात 1992 की है जब बिहार विधानसभा में बाढ़ पर बहस चल रही थी। इस दौरान विपक्ष तत्कालीन लालू सरकार पर हमलावर था और सरकार घिरी हुई थी। इसी बहस के दौरान तत्कालीन लालू सरकार में मंत्री रहे जगदानंद सिंह ने ऐलान किया कि अगर बिहार में बाढ़ के दौरान कोई भी बांध टूटता है तो उसके जिम्मेदार वे होंगे और वह इस्तीफा दे देंगे। संयोग से अगले दिन ही बिहार में एक बांध टूट गया और विधानसभा में हंगामा मचना शुरू हो गया।

घटना के बाद जब हंगामा मचा तब तत्कालीन मंत्री रहे जगदानंद सिंह ने अपना इस्तीफा लालू यादव को भेज दिया। हालांकि इसकी खबर कई दिनों तक लोगों को नहीं दी गई। फिर बाद में जब मीडिया ने जगदानंद सिंह के इस्तीफे पर लालू यादव से सवाल पूछा तो लालू यादव ने कहा कि हां उनका इस्तीफा मेरे तकिए के नीचे पड़ा हुआ है। हालांकि उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया था।

बाद में जगदानंद सिंह को फिर से मंत्रालय का काम काज दे दिया गया और वह मंत्रालय संभालने लगें। हैरानी की बात यह थी कि उस समय लालू यादव और जगदानंद सिंह के बीच जो मध्यस्ता हुई थी, उसे वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कराया था। लेकिन अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं और जगदानंद सिंह नीतीश कुमार के सहयोगी दल के प्रदेश अध्यक्ष हैं।

जगदानंद सिंह के बेटे सुधाकर सिंह मंत्री बनने के बाद भी ऐसे बयान दे रहे थे, जो नीतीश सरकार को परेशान कर रहे थे। उन्होंने कहा था कि कृषि विभाग के अधिकारी भ्रष्ट और चोर हैं और उनके प्रमुख होने के नाते वो चोरों के सरदार हैं।