कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार (12 जुलाई) को कहा कि  राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ गठबंधन कांग्रेस की मजबूरी है। अशोक गहलोत ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से रूबरू होते हुए पटना में कहा कि समय की मांग के कारण कांग्रेस को गठबंधन करना पड़ रहा है, नहीं तो किसी जमाने में कांग्रेस अकेले ताकतवर पार्टी थी। आज वह स्थिति नहीं है कि कांग्रेस अकेले दम पर सरकार बना ले। उन्होंने हालांकि बाद में यह भी कहा, “राजद से हमारा गठबंधन है और हमेशा ही रहेगा।” संगठन और प्रशिक्षण के प्रभारी कांग्रेस महासचिव गहलोत ने बिहार प्रदेश कांग्रेस समिति के मुख्यालय में यह टिप्प्णी की। इस बैठक के दौरान राज्यसभा सदस्य अखिलेश सिंह सहित पार्टी के कुछ नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि बिहार में पार्टी सम्मानित तरीके से सीटों का बंटवारा करे और लालू प्रसाद की राजद द्वारा छोड़ी गयी सीटों से संतुष्ट नहीं हो। इस पर गहलोत ने कहा, ‘‘सभी जानते हैं कि किन हालात में गठबंधन किया गया। राजद और जदयू जैसी कंपनियों के साथ बातचीत करना हमारी मजबूरी बन गयी है। हमारी बिहार इकाई में कई वरिष्ठ नेता हैं। हमें झगड़ों में समय खराब नहीं करना चाहिए, बल्कि पार्टी को मजबूत बनाने के लिए काम करना चाहिए ताकि हमारे लिए अपने दम पर चुनाव लड़कर सरकार बनाना संभव हो सके। ’’

गहलोत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राजद ने कहा कि वह खुद ‘‘कांग्रेस की खराब हालत को लेकर चिंता में है।’’ गहलोत के बयान पर राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा , ‘‘ सिर्फ बिहार की ही क्यों अन्य कई राज्यों में भी कांग्रेस के हालात कुछ ऐसे ही हैं। मध्यप्रदेश में वह मायावती के साथ गठबंधन करने को बेचैन है। लोकसभा में उसके पास इतनी संख्या भी नहीं है कि उसे मुख्य विपक्षी दल का दर्जा मिल सके। हमारा विचार यह है कि कांग्रेस की कमजोरी भारतीय लोकतंत्र के लिए सही नहीं है। लेकिन गहलोत जैसे नेता का ऐसा बयान देना उनके कार्यकर्ताओं को लाभ नहीं पहुंचा सकता है। ’’ अशोक गहलोत इस दौरान चारा घोटाले में सजा काटर रहे आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव से भी मिले।

गहलोत ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राजग में चले जाने के निर्णय को गलत बताते हुए कहा, “आज वे सांप्रदायिक ताकतों के साथ खड़े हैं। उन्हें इसके लिए एक दिन पछतावा होगा। आज सबको पता है कि नीतीश भाजपा के साथ सहज नहीं हैं।” उन्होंने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के बिहार दौरे पर भारी खर्च किए जाने पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ईमानदारी का चोला पहनने वाले भाजपा के लोगों को यह बताना चाहिए शाह के इस दौरे पर खर्च करने के लिए पैसे कहां से आए।