राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आश्रम खोलने की सलाह दी थी। इसके साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का पद सौंपने को कहा था। वहीं आरजेडी नेता का बयान जेडीयू को रास नहीं आया। जेडीयू के वरिष्ठ नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने शिवानन्द तिवारी के बयान पर कहा कि उन्हें सीरियस लेने की जरूरत नहीं है, ये उम्र का असर है।

जेडीयू के वरिष्ठ नेता उपेन्द्र कुशवाहा ने समाचार चैनल आजतक से बात करते हुए कहा, “उनके (शिवानन्द तिवारी) बयान पर उनकी उम्र का असर है, और कुछ नहीं है। उनके बयान को दूसरे रूप में देखने की जरूरत नहीं है।”

सोमवार को जेडीयू नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की अनुवाई में केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन को लेकर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा, “हम बीजेपी के खिलाफ सड़क पर आएं हैं, क्योंकि किसी चीज को उखाड़ना हो तो उसकी जड़ में जाना होता है। बीजेपी की साजिश को उखाड़ना है, बीजेपी मुक्त हिंदुस्तान बनाना है, इसलिए हम पैदल मार्च कर रहे हैं। ताकि इनको 2024 में उखाड़ कर फेंका जा सके।

उपेन्द्र कुशवाहा ने आगे कहा, “दो महीने पहले भी हमको पता था कि बीजेपी क्या कर रही है और धीरे-धीरे जब पता हो गया तब हमलोग अलग हो गए। पिछले दो महीनों में जनता का हौंसला मजबूत हुआ है। सामाजिक बराबरी चाहने वालों की पसंद का ये गठबंधन है। आम जनता में बहुत अच्छा माहौल है।”

दरअसल पटना में आरजेडी की राज्य परिषद की बैठक चल रही थी और इस बैठक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शिवानन्द तिवारी ने कहा था, “नीतीश कुमार ने बहुत पहले ही कहा था कि वह आश्रम खोलेंगे और वहां पर राजनीतिक प्रशिक्षण देंगे। इसलिए मैं उन्हें 2025 में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने के बाद उस आश्रम को खोलने की याद दिलाऊंगा। मैं भी आपके साथ आश्रम में जाऊंगा और वहां के राजनीतिक कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दूंगा।”

बता दें कि इस बैठक में आरजेडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव भी शामिल हुए थे। शिवानन्द तिवारी के बयान के बाद भी उपेन्द्र कुशवाहा ने ट्वीट कर कहा था कि देशवासी चाहते हैं कि नीतीश जी सत्ता के शिखर पर रहकर भारत की जनता की सेवा करते रहें। हां, अगर आपको (शिवानन्द तिवारी) जरूरत हो, तो आपको किसी आश्रम की तलाश कर लेनी चाहिए।