जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में जारी सियासी उठापटक के बीच नीतीश गुट ने जहां सीएम हाउस में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से एनडीए में शामिल होने का फैसला किया, वहीं पूर्व अध्यक्ष शरद यादव की अगुवाई वाले बागी गुट ने पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में बैठक की। इस दौरान नीतीश और शरद यादव के समर्थक मुख्यमंत्री आवास के बाहर आपस में भिड़ गए। इस राजनैतिक भिड़ंत को देखते हुए सीएम आवास के बाहर भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। सीएम आवास पर हुई कार्यकारिणी की बैठक में शरद यादव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई।
पटना के एसएसपी मनु महाराज ने कहा है कि सीसीटीवी कैमरा का फुटेज देखकर वो इस मामले में कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जब उनसे पूछा गया कि शरद यादव के काफिले को हवाई अड्डे से श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल तक जाने के लिए इस रूट का चयन क्यों किया गया तो उन्होंने कहा कि वो इस मामले को देखेंगे कि आखिर ऐसा क्यों हुआ। बता दें कि जब शरद यादव के समर्थक बाइक पर सवार होकर उन्हें स्कॉट करते हुए हवाई अड्डे से श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल लेकर जा रहे थे तभी सीएम आवास के बाहर शरद यादव समर्थकों ने नीतीश के खिलाफ नारेबाजी की। इसके तुरंत बाद नीतीश के समर्थक भी वहां पहुंच गए। इस दौरान दोनों गुटों के समर्थकों के बीच झड़प हुई। बाद में एसएसपी दल-बल के साथ वहां पहुंचे।
उधर, शरद यादव ने श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित जन अदालत में नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश उन्हें जदयू से निकालकर बेघर करना चाहते हैं। शरद ने कहा कि कुछ लोगों ने रास्ता बदला लेकिन मैं नहीं बदलूंगा। शरद ने कहा कि राज्य में हुआ गठबंधन पांच साल का वादा था। जनता ने हमें अमानत दी थी। उन्होंने कहा कि घोषणा पत्र ईमान होता है लेकिन नीतीश ने ईमान बेच दिया। उन्होंने कहा कि साझी विरासत सम्मेलन के तहत पूरे विपक्ष को लामबंद करने का काम उन्होंने किया है।

शरद यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी पर भी जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि आज देश के 60 फीसदी युवा बेरोजगार हैं। किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं, दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं और धर्म के नाम पर लोगों की हत्याएं हो रही हैं लेकिन सरकार के मुखिया मौन हैं। उन्होंने कहा कि बोली और कर्म में अंतर करने से देश नहीं चलेगा।