बिहार में बढ़ते कोरोना के मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 मई तक नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया है। राज्य में नीतीश की सहयोगी भाजपा ने ही उनके इस फैसले पर सवाल खड़े करते हुए पूछा है कि आखिर नाइट कर्फ्यू लगाने से कोरोना को कम करने में कैसे मदद मिलेगी? बता दें कि बिहार में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लगाया जा रहा है।

राज्य में भाजपा के चीफ संजय जयसवाल ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘नाइट कर्फ्यू लगाने से कोरोना कैसे रुकेगा?’ नीतीश कुमार ने रविवार को यह फैसला किया था। जयसवाल ने कहा, ‘बिहार सरकार ने कई जरूरी फैसले लिए हैं। मैं एक्सपर्ट तो नहीं हूं लेकिन ये फैसले बहुत अच्छे हैं। फिर भी मैं यह समझने में समर्थ नहीं हू्ं कि नाइट कर्फ्यू कोरोना को फैलने से कैसे रोक सकता है?’

जयसवाल ने कहा कि वीकेंड लॉकडाउन कोरोना संक्रमण को रोकने में कारगर हो सकता है क्योंकि इस दौरान लोग घर पर रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘अगर कड़ाई से कर्फ्यू नहीं लगाया गया तो बिहार की हालत भी महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की तरह हो जाएगी।’ बिहार बीजेपी चीफ ने राज्यपाल की तरफ से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में यह सलाह दी थी।

नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए हर जरूरी सलाह पर अमल किया जाएगा। हालांकि देखा यही गया कि जयसवाल की सलाह को गंभीरता से नहीं लिया गया। वह एक क्वालिफाइड मेडिकल प्रैक्टिशनर हैं और ऑल इंडिया इस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस पटना के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में भी शामिल हैं।

बता दें कि बिहार की एनडीए सरकार में जेडीयू और बीजेपी दोनों ही सहयोगी हैं लेकिन कई मुद्दों को लेकर उनमें टकराव की स्थिति आ ही जाती है। मंत्रिपद और MLCs के नॉमिनेशन को लेकर भी दोनों में मतभेद है। जेडीयू ने विधासभा के चुनाव में चिराग पासवान को फायदा पहुंचाने का आरोप भी बीजेपी पर लगाया था। जेडीयू का कहना था कि इसी वजह से उसे चुनाव में तीसरे स्थान पर जाना पड़ा और केवल 43 सीटें हाथ लगीं।