बिहार में पिछले कुछ दिनों से ऐसा लग रहा है जैसे बीजेपी और जदयू में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। सदन से लेकर बाहर तक नीतीश कुमार, बीजेपी के सामने झुके से दिख रहे हैं। हाल ये है कि बिहार में 266 करोड़ की लागत से बने पुल का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री नीतीन गडकरी ने शनिवार को किया, लेकिन इस कार्यक्रम से सीएम नीतीश दूर ही रहे।

दरअसल इस कार्यक्रम के लिए जो निमंत्रण पत्र छपा था, उसमें से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम गायब था। निमंत्रण पत्र के सामने आने के बाद से कहा जाने लगा कि जो अटकलें लग रहीं थीं कि एनडीए में सबकुछ ठीक नहीं है, वो अब सच होता दिख रहा है। हालांकि जब इन पोस्टरों का लेकर बवाल मचा तो सफाई दी जाने लगी और नीतीश की फोटो को भी लगाने की कवायद होने लगी।

हंगामा इसलिए मचा क्योंकि पोस्टर पर बीजेपी के नेताओं, मंत्रियों और यहां तक कि दोनों उपमुख्यमंत्रियों के नाम भी थे, लेकिन ना तो नीतीश का नाम शामिल था और ना ही पोस्टर पर उन्हें जगह मिली थी। इसे लेकर बिहार के मंत्री नितिन नवीन ने सफाई देते हुए कहा कि इस पर बेवजह की राजनीति हो रही है।

नितिन नवीन भले ही कुछ भी दावा करें लेकिन पोस्टर तो छोड़िए कार्यक्रम स्थल पर जो पोस्टर लगाए गए थे, उसमें भी नीतीश की फोटो और नाम नहीं थे, हालांकि विवाद के बाद कुछ पोस्टरों को जरूर बदला गया, जिसमें नीतीश दिखने लगे थे।

बता दें कि हाल ही में विधानसभा सत्र के दौरान सीएम और विधानसभा अध्यक्ष के बीच तकरार हो गई थी। विधानसभा अध्यक्ष बीजेपी से आते हैं और नीतीश ने उन्हें सदन के अंदर ही जमकर डांट दिया था। जिसके बाद स्पीकर आसन छोड़कर चले गए थे। हालांकि बाद में नीतीश को आखिरकार स्पीकर की मांग को मानना ही पड़ा था। इसके अलावा नीतीश इफ्तार पार्टी के बहाने एक बार फिर से राजद के करीब जाते दिखे थे। हालांकि बीजेपी और जदयू दोनों आपस में सबकुछ ठीक होने का दावा करते रहे हैं।