चुनावों के मद्देनजर एक बार फिर तुष्टीकरण की राजनीति का आगाज होता दिख रहा है। सभी दल किसी न किसी खास वर्ग को अपने पाले में करने के लिए अलग अलग तरीके अपना रहे हैं। इसी कड़ी में बिहार में जनता दल यूनाइटेड ने मुस्लिमों को रिझाने के लिए 600 किलो मटन बिरयानी पकवा डाली। लेकिन इतनी बड़ी संख्या में अल्पसंख्यकों को बुलाने की तैयारी करने वाली जेडीयू को मायूसी ही हाथ लगी। पार्टी के भव्य भोज के लिए सिर्फ 500 लोग ही आए।
जेडीयू ने भाजपा के साथ आने के बाद मुस्लिमों को रिझाने के लिए गुरुवार को पटना के एस के मेमोरियल हॉल में सम्मेलन किया। इस जगह के आस पास कई मुस्लिम एरिया हैं। इसके साथ ही जेडीयू में कई बड़े मुस्लिम चेहरे हैं। जिनमें अल्पसंख्यक सेल राज्य अध्यक्ष मोहम्मद सलाम, राज्यसभा सांसद कहकशां परवीन, एमएलसी और पूर्व राज्यसभा सांसद गुलाम रसूल बालीवाई और वरिष्ठ नेता गुलाम गौस शामिल हैं। लेकिन कोई भी लोगों को इकट्ठा नहीं कर सका।
जेडीयू के एक सूत्र ने बताया, ज्यादा से ज्यादा लोगों को बुलाने के लिए हमने मटन बिरयानी बनवाई थी। चूंकि कार्यक्रम पटना में होना था तो हमें ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद थी। लेकिन लोगों के न आने के कारण गारीगरों और यहां तक कि अलग से लोगों को बुलाकर इसे खत्म करना पड़ा। वहीं, जेडीयू के महासचिव आर सी पी सिंह की नाराजगी भी देखने को मिली। कार्यक्रम में आए लोगों को संबोधित करने के दौरान उनसे भीड़ में से किसी ने उन्हें ठोकते हुए कह दिया, ‘बस हो गया अब’। इस मुद्दे पर जेडीयू के प्रवक्ता ने इंडियन एक्सप्रेस से बताया कि, संगठन की कोशिशों के बावजूद लोग नहीं आए। जबकि पार्टी की तरफ से अल्पसंख्यकों के लिए कई योजनाएं लाई गईं।
बता दें कि, बीते दिनों मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिसमें वह मुस्लिम मतदाताओं पर दिए गए एक बयान के चलते विवादों में घिर गए थे। वीडियो में कमलनाथ को यह कहते हुए देखा और सुना जा सकता है कि अगर 90% मुस्लिम वोट नहीं पड़े तो नुक़सान हो जाएगा।