जदयू के बागी नेता शरद यादव को कथित तौर पर एक दक्षिण पंथी समूह से एक धमकी भरा पत्र मिला है जिसमें उन्हें बिहार की राजनीति में हस्तक्षेप न करने और ‘‘राष्ट्र विरोधी ’’ ताकतों का समर्थन न करने की चेतावनी दी गई है। यादव के कार्यालय ने आज (27 अगस्त को) दिल्ली में बताया कि उन्होंने पत्र के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय को सूचित कर दिया है। राज्यसभा सदस्य यादव को यह पत्र डाक के जरिये उनके आवास पर हाल ही में भेजा गया।
पत्र में उन्हें आगाह किया गया है कि वह बिहार सरकार तथा हिंदू हितों के खिलाफ न बोलें अन्यथा उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इसमें कहा गया है कि उन्होंने ‘‘राष्ट्र विरोधी’’ ताकतों का पक्ष लेकर बड़ी भूल की है। यादव राजद तथा कांग्रेस के साथ हुए ‘‘महागठबंधन ’’ को छोड़ कर राजग से जुड़ने के पार्टी के फैसले के खिलाफ असंतोष जाहिर किया है।
गौरतलब है कि शरद यादव नीतीश कुमार द्वारा महागठबंधन तोड़े जाने से ना केवल नाराज थे बल्कि अब बागी रुख अख्तियार करते हुए वो जदयू की मनाही के बावजूद इस रैली में शिरकत कर रहे हैं। बता दें कि जदयू महासचिव के सी त्यागी ने बार-बार कहा है कि अगर शरद यादव लालू की रैली में शामिल होते हैं तो उनकी राज्यसभा सदस्यता समाप्त कराने के लिए पार्टी कदम उठाएगी। इसके जवाब में शरद यादव कई बार कह चुके हैं कि वो महागठबंधन के समर्थन में थे और आज भी हैं। उनका दावा है कि बिहार में अब भी महागठबंधन कायम है। शरद यादव ने जदयू पर भी अपनी दावेदारी की बात कही है।