रमजान के महीने में देश के कई राज्यों में ‘इफ्तार पॉलिटिक्स’ जोरों पर है। बिहार में भी राजनीतिक दलों द्वारा इफ्तार पार्टी का आयोजन किया जा रहा है। 22 अप्रैल को पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने दावत-ए-इफ्तार का आयोजन किया था। इसमें बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी शामिल हुए थे। वहीं, अब राजद और जदयू के बाद पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और कांग्रेस की तरफ से इफ्तार पार्टी का आयोजन किया गया। इस इफ्तार पार्टी में बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी शामिल हुए।

जीतन राम मांझी की इफ्तार पार्टी में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी पहुंचे। हालांकि, वो सीएम नीतीश कुमार के जाने के बाद इफ्तार पार्टी में पहुंचे। इसके पहले, कहा जा रहा था कि इफ्तार के बहाने तेजस्वी यादव इस हफ्ते तीसरी बार सीएम नीतीश कुमार से मिल सकते हैं।

वहीं, इफ्तार पार्टी में शराबबंदी को लेकर जीतन राम मांझी के स्टैंड में बड़ा बदलाव देखने को मिला। थोड़ी-थोड़ी पीने की वकालत करने वाले जीतन राम मांझी ने शराब को हराम बताया। जीतन राम मांझी ने सीएम नीतीश कुमार के साथ एक पोस्टर जारी किया जिसपर लिखा था- शराब हराम है। हालिया बयानों के बाद, मांझी का शराबबंदी के समर्थन में आना बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।

इस इफ्तार पार्टी में राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव भी शामिल हुए। उन्होंने मांझी परिवार के साथ फोटो खिंचवाई। इस दौरान, जैसे ही वह इफ्तार पार्टी से बाहर निकले, कुछ लोग उनका विरोध करने लगे। मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने तेजप्रताप को कार में बैठाकर रवाना किया। जबकि, मौके पर मौजूद लोग काफी देर तक नारेबाजी करते रहे।

इफ्तार पर बीएचयू में बवाल जारी

दूसरी तरफ, बीएचयू के गर्ल्ड हॉस्टल में इफ्तार पार्टी के दौरान वीसी के पहुंचने के बाद शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीएचयू के छात्रों ने परिसर में इफ्तार पार्टी के विरोध में वीसी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और सिर मुंडवाया। विरोध कर रहे एक छात्र का कहना था, “परिसर में कई कमियां है जिसे लेकर हम कुछ दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन उस पर वीसी साहब का कोई ध्यान नहीं है।”