Bihar Politics: बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के गठबंधन की सरकार बनने के बाद नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने ऐसे कई संकेत दिए हैं, जिसमें राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को अधिक जिम्मेदारी देने कवायद झलकती है। इस बीच शनिवार को (11 फरवरी) को जब नीतीश कुमार से राज्य के मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने तेजस्वी पर जिम्मा डालते हुए कहा मंत्रियों की सूची को अंतिम रूप वही (तेजस्वी) देंगे।
मंत्रिमंडल विस्तार पर फैसला तेजस्वी यादव लेंगे:
बता दें कि अभी दो महीने पहले ही सीएम नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव को 2025 के विधानसभा चुनावों में अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। बिहार की महागठबंधन सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार लंबे समय से प्रतीक्षित है।
नीतीश कुमार ने कहा कि मीडिया को तेजस्वी यादव (कैबिनेट विस्तार के बारे में) से पूछना चाहिए। वह महागठबंधन पार्टियों से बात करते रहे हैं। हर पार्टी का मंत्री कोटा तय होता है। मंत्रियों की सूची को अंतिम रूप देने के लिए तेजस्वी उनसे बात कर रहे हैं। कांग्रेस ने भी मुझसे संपर्क किया, लेकिन मैंने उनसे तेजस्वी से सलाह लेने को कहा।
इसके मायने निकाले जा रहे हैं कि नीतीश कुमार का यह बयान बिहार में तेजस्वी यादव के बढ़ते कद को मान्यता देता है। मालूम हो कि तेजस्वी यादव 2020 के चुनावों के बाद राजद के निर्विवाद नेता बन गए हैं और अब महागठबंधन मोर्चे में भरोसेमंद नंबर दो बनने की राह पर दिख रहे हैं।
उपेंद्र कुशवाहा को लग सकती मिर्ची:
बता दें कि जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा जदयू के राजद में विलय होने पर लगातार सवाल उठा रहे हैं। हाल ही में उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों के मर्जर की तैयारी है। इसी डील पर दोनों दल एक साथ आए हैं। इसका असर यह है कि अब सभी फैसले धीरे-धीरे नीतीश की जगह तेजस्वी यादव लेंगे।
ऐसे में साफ है कि तेजस्वी यादव पर अधिक भरोसा जताने वाले नीतीश कुमार का यह ताजा बयान उपेंद्र कुशवाहा को रास नहीं आने वाला। दरअसल राजद में जदयू के विलय की खबरों के बीच 19-20 फरवरी को समता पार्टी के पुराने सदस्य और जदयू बचाने की इच्छा रखने वाले वाले नेताओं की मीटिंग बुलाई गई है।
इतना ही नहीं, महागठबंधन की तरफ से होने वाली 25 फरवरी को बिहार के पूर्णिया में पहली मेगा संयुक्त रैली से उपेंद्र कुशवाहा ने खुद को दूर कर लिया है। पूर्णिया में होने वाली रैली को लेकर कहा कि उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि इस रैली में मेरे शामिल होने और ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। मैं इस रैली में नही जा रहा।