बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी ने विधान परिषद की 24 सीटों के चुनाव के लिए रविवार को अपनी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के उम्मीदवारों की घोषणा की जिससे एनडीए के साथ उनके टकराव की आहट सुनाई देने लगी है। दिलचस्प बात यह है कि वीआईपी जिन सात सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है उन पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। सहनी ने यह भी कहा है कि वह बोचहां विधानसभा सीट पर अपना दावा नहीं छोड़ेंगे। यहां पर उपचुनाव घोषित किया गया है।
वीआईपी ने समस्तीपुर से आदर्श कुमार, बेगूसराय-खगड़िया से जय जय राम सहनी, सहरसा-मधेपुरा-सुपौल से चंदन कुमार, सारण से बाल मुकुंद चौहान, रोहतास-कैमूर से गोविन्द बिंद, पूर्णिया-अररिया-किशनगंज से श्यामा नन्द सिंह और दरभंगा से बैद्यनाथ सहनी को उम्मीदवार बनाया है।
24 MLC की सीटों के लिए होने वाले चुनाव को लेकर भाजपा ने 12 सीटों के लिए जबकि नीतीश कुमार की जनता दलयू ने 11 सीटों पर प्रत्याशी खड़े किए हैं। दोनों दलों ने केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के लिए एक सीट छोड़ी है। सहनी ने सात सीटों पर वीआईपी के उम्मीदवारों को खड़ा करने और 15 अन्य सीटों पर एनडीए के प्रत्याशियों को समर्थन देने की घोषणा की है।
सहनी को 2020 विधानसभा चुनाव के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कहने पर राजग में शामिल किया गया था। उस समय वह राजद के महागठबंधन को छोड़कर शाह से मिलने गए थे। हाल में संपन्न हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान सहनी और भाजपा के रिश्ते में खटास आ गई थी। सहनी की पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 50 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन उसका प्रदर्शन फीका रहा था।
बिहार में विधान परिषद सीटों पर 4 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। मुकेश सहनी ने अपने लिए एनडीए से सीटें मांगी थी लेकिन भाजपा-जदयू ने उनकी मांग को सिरे से ख़ारिज कर दिया था। वीआईपी का कहना है कि बीजेपी विधान परिषद चुनाव को लेकर सहयोगी दलों को विश्वास में लेने की बात कह रही है पर विश्वास में किसी को कोई काम करने के पहले लिया जाता है न कि बाद में। सीटों का ऐलान करने से पहले बीजेपी और जेडीयू के नेताओं ने वीआईपी से संपर्क नहीं किया था।