बिहार के कटिहार में नीतीश सरकार के मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने एक कॉन्फ्रेंस में टोपी पहनने से इनकार कर दिया है। यह घटना बिहार की राजधानी पटना से करीब 300 किलोमीटर दूर की है। इसका एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में देखा जा सकता है। एक शख्स प्रदेश के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव को टोपी पहनाने के लिए टोपी को खोलकर उनके सिर तक लेकर जाता है पर वह टोपी को अपने सिर पर नहीं रखने देते हैं और उस शख्स से टोपी अपने हाथ में ले लेते हैं। इसके बाद मंत्री टोपी को लेकर पीछे खड़े शख्स को दे देते हैं। यह घटना रविवार की है। इस पर जदयू की तरफ से भी सफाई दी गई है। अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मोहम्मद मोजिद ने कहा कि मंत्रीजी ने टोपी नहीं पहनी, लेकिन कबूल तो कर ली है, इसलिए इस मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।

बिहार में हुई इस कॉन्फ्रेंस में ऊर्जा मंत्री ने लोगों को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि बिहार के मुसलमानों को एकजुट होना होगा। मुसलमानों में शिक्षा का अभाव है इसलिए उनका विकास तेज गति से नहीं हो पा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर मसरसा में पढ़ाई अच्छी होती तो मुसलमान भी पढ़े लिखे होते। उनकी साक्षरता दर ज्यादा होती। उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में 100 फीसदी मुसलमान शिक्षित हैं उनकी तरह यहां के मुसलमानों को भी पढ़ना होगा, इससे उनका फायदा होगा।

यह पहली बार नहीं है जब किसी नेता ने टोपी पहनने से मना कर दिया है। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने भी टोपी पहनने से इनकार कर दिया था। यह बात साल 2011 की है। इस दौरान जब वो उपवास पर थे तब सैयद इमामशाही सैय्यद उनसे मंच पर मिलने पहुंचे और उन्हें मुस्लिम टोपी पहनानी चाही, लेकिन उस वक्त उन्होंने टोपी पहनने से मना कर दिया था। आपको बता दें कि 2013 में दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था, ‘भारत जैसे देश में शासन के लिए आपको सबको साथ में लेकर चलना पड़ेगा। कभी टोपी भी पहननी पड़ेगी, कभी तिलक भी लगाना पड़ेगा।’