बिहार में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने 15 ज़िलों के ज़िलाधीश व सिविल सर्जन को पत्र लिखा है। पत्र में बताया गया है कि रेलवे मंत्रालय ने 6 मई को पत्र लिख ट्रेन कोचों में आइसोलेशन सेंटर बनाने की पहल की है। रेलवे ने कोविड-19 के तहत इन रेल कोचों में कुछ बदलाव किए है। ताकि इनका उपयोग कोरोना मरीजों के उपचार के लिए किया जा सके।
प्रधान सचिव ने पत्र ने जिन जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है उनमें भागलपुर, पटना, सारण, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, कटिहार, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर,सहरसा, सिवान, समस्तीपुर, दरभंगा और सीतामढ़ी शामिल हैं।सिविल सर्जन रेलवे अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करने के वास्ते नोडल अधिकारी बनाए गए है। संबंधित ज़िलों के नोडल अधिकारियों से इन कोचों से जुड़े तमाम दिशानिर्देश के तहत तैयारियों का मुआयना कर राज्य सरकार और रेलवे अधिकारियों को सूचित करेंगे। पत्र की कापी मुख्य सचिव, आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव, स्वास्थ्य महकमा के सचिव, सभी प्रमंडलीय आयुक्त को दी गई है।
पत्र में बताया गया है कि कोविड केयर ट्रेन 20 सामान्य डब्बे वाली होगी। हरेक कोच में 16 मरीज ही भर्ती किए जा सकेंगे। पांच सामान्य कोच के बाद एक वातानुकूलित कोच होगा। एसी कोच चिकित्सक , स्वास्थ्य कर्मियों व दूसरे कर्मचारियों के उपयोग के लिए होगा। इस हिसाब से एक ट्रेन में 256 मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा। मसलन दस कोचों में 160 मरीज।
इस बीच भागलपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर छह पर कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए 20 कोच वाली एक ट्रेन उपलब्ध कराई गई है। मालदा रेलवे डिवीजन के डीआरएम यतेंद्र कुमार ने गुरुवार को बताया कि बिहार स्वास्थ्य महकमा के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत के पत्र के आलोक में यह इंतजाम किया गया है।डीआरएम ने बताया कि ट्रेन में दो वातानुकूलित कोच के साथ 19 सामान्य कोविड कोच है। हरेक कोच में चार शौचालय के साथ स्नानघर , खिड़कियों में मच्छरों को रोकने के लिए जाली , कचरे के लिए तीन टोकरी, मोबाइल चार्जर, प्लास्टिक के पर्दें और ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ बदलाव किया गया है।
मालूम रहे कि राज्य में कोरोना संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है। स्वास्थ्य महकमा ने गुरुवार को 1385 नए संक्रमित मरीज होने की जानकारी दी है। इस तरह 21558 संक्रमित हो चुके है। 13533 स्वस्थ भी हुए है।
