बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने नीतीश सरकार के बालू खनन नीति के विरोध में गुरुवार (21 दिसंबर) को राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया था। हालांकि, इससे एक दिन पहले ही नीतीश सरकार ने खनन नीति पर यू-टर्न ले लिया था। बावजूद इसके राजद ने बंद बुलाया। इस मौके पर राज्यभर में राजद कार्यकर्ताओं ने चक्का जाम कर दिया। कई जगहों पर राजद कार्यकर्ताओं ने रेल रोककर बंद को सफल बनाया तो कई जगहों पर दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों को जबरन बंद करा दिया।
इस बीच राज्यव्यापी बंदी के दौरान पुलिस ने 10734 राजद नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार होने वालों में पूर्व उप मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष तेजस्वी यादव भी शामिल थे। इन्होंने पटना में अपनी गिरफ्तारी दी। अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) संजीव कुमर सिंघल ने बताया कि बंदी के दौरान 10734 लोगों की निरोधात्मक गिरफ्तारी की गयी। उन्होंने बताया कि बंदी के दौरान कानून तोड़ने के मामले में 18 जगहों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है। गिरफ्तारी पर तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया, “हम गिरफ़्तारियों से डरने वाले नहीं है। डटकर लड़ते है और लड़ते हुए डटते है।संघर्ष ही समाजवादियों की पहचान है। लड़कर जीतना हमें बख़ूबी आता है।”
बंदी के दौरान राजद समर्थकों और कार्यकर्ताओं के जगह जगह रेल एवं सड़क यातायात को बाधित किए जाने तथा दुकानों और अन्य प्रतिष्ठानों को जबरन बंद कराए जाने से आम जनजीवन प्रभावित रहा। हालांकि, पार्टी अध्यक्ष लालू यादव ने खुद को पर्दे के पीछे रखा। उनके दोनों बेटों ने मोर्चा संभाला। राजद के अन्य नेताओं ने भी सड़कों पर उतरकर बंद को सफल बनाया। कई जगहों पर बंद समर्थकों को लौंडों के साथ सड़कों पर नाच-गान कर मनोरंजन करते देखा गया। हालांकि, एक-दो जगहों पर पुलिस के साथ राजद कार्यकर्ताओं की झड़प भी हुई।
बता दें कि नीतीश सरकार ने राज्य में खनन नीति को पलट दिया था और सभी खनन ठेकों को रद्द करते हुए ऑनलाइन बालू बिक्री की व्यवस्था की थी। इस नीति का राज्यभर में विरोध हो रहा है। हालांकि, पटना हाईकोर्ट ने इसे सही ठहराया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को पलट दिया।
हम गिरफ़्तारियों से डरने वाले नहीं है। डटकर लड़ते है और लड़ते हुए डटते है।संघर्ष ही समाजवादियों की पहचान है। लड़कर जीतना हमें बख़ूबी आता है। https://t.co/aeUHFR9sZt
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 21, 2017
सरकारी विज्ञापन से सर्वाइव करने वाले कुछ चैनल गलत खबर चला रहे है कि बंद के दौरान Ambulance में एक मरीज़ की पटना लाने के क्रम में मौत हो गई दरअसल मौत के बाद मृत को पटना से वापस घर ले जाया जा रहा था।Video में साइनबोर्ड देखे Ambulance पटना से हाजीपुर जा रही थी ना कि Vice-versa pic.twitter.com/LR6hxoG2Yk
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) December 21, 2017