Bihar Balrampur Assembly Election Result 2020: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य के सभी सियासी दल जमीन पर उतर चुके हैं। राज्य में साल 2020 में हुए चुनाव में बलरामपुर विधानसभा सीट पर हार-जीत का अंतर 53,597 था। यह बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में किसी भी सीट पर सबसे ज्यादा था।

बलरामपुर सीट पर CPI(ML)(L) के महबूब आलम ने 1,04,489 वोट हासिल किए और एनडीए गठबंधन के बरुण कुमार झा को हराया। बरुण विकासशील इंसान पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़े थे, यह पार्टी आज महागठबंधन का हिस्सा है।

मुस्लिम बहुल है बिहार की बलरामपुर विधानसभा सीट

बलरामपुर विधानसभा सीट पर मुस्लिम बहुल है। बिहार के कटिहार जिले में आने वाली इस सीट के 60% से ज्यादा वोटर मुस्लिम हैं, इसीलिए यहां यह माना जाता है कि जो मुस्लिम वोटरों को साध लेगा, वह आसानी से चुनाव जीत जाएगा। राज्य में हुए पिछले तीन चुनावों में से दो विधानसभा चुनावों में मुस्लिम प्रत्याशी जबकि एक चुनाव में हिंदू प्रत्याशी को जीत हासिल हुई।

बिहार: बलरामपुर विधानसभा चुनाव परिणाम 2015

कटिहार की इस सीट पर साल 2015 में हुए चुनाव में जदयू महागठबंधन का हिस्सा थी। तब भी यहां CPI(ML)(L) के महबूब आलम ने जीत दर्ज की। उन्होंने 62,513 वोट दर्ज कर बीजेपी के बरुण कुमार झा को 20,419 वोटों से हराया। बरुण कुमार झा को 42,094 वोट मिले जबकि तीसरे नंंबर पर रहे जदयू के दुलाल चंद्र गोस्वामी को 40,114 वोटों से संतोष करना पड़ा।

क्रमपार्टीप्रत्याशीवोट
1CPI(ML)(L)महबूब आलम62,513
2बीजेपीबरुण कुमार झा42,094
3जदयूदुलाल चंद्र गोस्वामी40,114

बिहार: बलरामपुर विधानसभा चुनाव परिणाम 2010

इससे पहले साल 2010 में बलरामपुर विधानसभा सीट पर हुए चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी दुलाल चंद्र गोस्वामी ने जीत दर्ज की थी। उन्हें 48,136 वोट मिले थे जबकि दूसरे स्थान पर रहे CPI(ML)(L) के महबूब आलम को 45,432 हासिल हुए। इस चुनाव में एनसीपी के हबीब-उर-रहमान को 16,474 वोट और लोजपा के आदिल हसन आजाद को 7,795 वोट मिले।

क्रमपार्टीप्रत्याशीवोट
1निर्दलीयदुलाल चंद्र गोस्वामी48,136
2CPI(ML)(Lमहबूब आलम45,432
3एनसीपीहबीब-उर-रहमान16,474

कटिहार की बलरामपुर विधानसभा क्यों महत्वपूर्ण?

कटिहार जिले की बलरामपुर विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल से सटी हुई है, इसलिए यहां सीमावर्ती राजनीति और व्यापार का असर रहता है। कोसी और महानंदा नदियों में जब – जब बाढ़ आती है, तब – तब यहां खेती प्रभावित होती है। बड़ी संख्या में बलरामपुर के लोग अन्य राज्यों में रहते हैं। यह सीट 2008 में परिसीमन के दौरान बनी थी और उसी वक्त से CPI-ML (Liberation) की पकड़ मजबूत है।

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बलरामपुर विधानसभा की सबसे बड़ी खासियत इसका जातिगत समीकरण है। मुस्लिम वोटर्स के अलावा यहां अनुसूचित जाति के करीब 12% वोटर है। बात अगर ओबीसी मतदाताओं की करें तो यहां कुर्मी, कोइरी, यादव आदि की आबादी करीब 15 –18% है। इसके अलावा यहां  6–7% उच्च जाति के मतदाता हैं।

बिहार विधान सभा चुनाव 2025 का समीकरण

मौजूदा समय में मुस्लिम वोटरों का महागठबंधन की तरफ झुकाव है। यहां के मौजूदा विधायक महबूब आलम CPI-ML के नेता हैं। उनकी इस क्षेत्र पर पकड़ भी है और महागठबंधन का हिस्सा होने की वजह से उन्हें अन्य किसी प्रत्याशी पर बढ़त मिलती है। लेकिन अगर साल 2010 की तरह यहां मुस्लिम वोट बंंटते हैं तो एनडीए या अन्य दल के प्रत्याशी के जीतने की भी संभावनाएंं बनती हैं। यहां गैर-यादव पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग से आने वाले वोटर संगठित होकर वोट करते हैं। ये संख्या में जरूर कम हैं लेकिन बलरामपुर विधानसभा के कुछ इलाकों में प्रभाव रखते हैं जिसका असर अंतिम नतीजों पर दिख सकता है।

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