Bihar Vidhan Sabha Chunav: बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा जल्द होने की संभावना है और सभी राजनीतिक पार्टियां इसकी तैयारियों में जोर-शोर से लगी हुई हैं। ऐसे माहौल में, जनसत्ता की टीम दरभंगा पहुंची, ताकि वहां के मतदाताओं के बीच जाकर यह समझा जा सके कि इस बार के चुनाव में उनके लिए कौन-कौन से मुद्दे सबसे अहम हैं।

बिहार एसआईआर के मुद्दे पर दरभंगा के एक व्यक्ति ने कहा, “हमारी समस्या यह थी कि 2003 में हमारा नाम नहीं था। साल 2010 के बाद हमारा वोटर आईडी बना था। बाकी हमारे परिवार के सदस्यों का नाम 2003 की लिस्ट में था। बिहार में ये जो वोटर सर्वे हो रहा है, उसका असली कारण यह है कि जो प्रवासी लोग हैं वो कहीं ना कही दो जगह का वोटर आईडी कार्ड ले रखा है। सर्वे होने का मतलब है कि आप एक ही जगह के वोटर रहेंगे।

जाति जनगणना पर क्या बोले दरभंगा के लोग

जातिगत जनगणना पर दरभंगा के एक युवक ने कहा, “जाति जनगणना आज एनडीए ने करवाई है। ये कोई आज का मुद्दा नहीं है बल्कि काफी पहले का मुद्दा है। जाति जनगणना बिहार में हो चुकी है। केंद्र सरकार की बिहार की चीज को फॉलो करती है। बिहार का आइडिया पूरे देश में चलता है। कुछ वर्ग पिछड़ जाते हैं क्योंकि पता नहीं चल पाता है कि उनकी संख्या कितनी है। इस संख्या से पता चल रहा है कि जिसकी जितनी हिस्सेदारी है उसको उतना हक मिलना चाहिए। इसलिए जाति जनगणना को सही मानना चाहिए।”

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चिराग पासवान से युवक का सवाल

मुकेश पासवान नाम के एक युवक ने कहा, “मैं चिराग पासवान से कहना चाहता हूं कि वो पद पर हैं और मंत्री हैं। वो बार-बार बोलते हैं कि बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट। आपको पूरा भारत जानता है कि आप प्रधानमंत्री मोदी के हनुमान हैं। कभी पीएम मोदी को ब्यौरा दिया है कि यहां पर फैक्ट्री लगवा दीजिए। खाली बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट बोलने से कुछ नहीं होता है।”

हर घर से पलायन हो रहा

एक युवा ने कहा, “जब हम लोग अपने इतिहास को देखते हैं ना तो हम अपने इतिहास पर गर्व होना चाहिए। जब हम अपने आप को 100 साल पहले लेकर जाते हैं तो हम देखते हैं कि दरभंगा एक ऐसी जगह है जहां के महाराजा हम लोगों के लिए चीनी मिल खोलकर रखे हुए हैं। हमें नहीं बोल रहे हैं कि तुम नौकरी करने के लिए गुजरात जाओ। हम देख रहे हैं कि पूरे देश में अस्पताल नहीं है और 10 हॉस्पिटल हैं उसमें गिने-चुने डीएमसीएस खुला हुआ है। तो जब हम अपने आप को 100 साल पहले लेकर जाते हैं तो हमें लगता है कि हमारे मिथिला का स्वर्णिम इतिहास रहा है। लेकिन आज की तारीख में हर घर से पलायन हो रहा है। कोई दिल्ली, पंजाब या हरियाणा जा रहा है। हम यह कहना चाहते हैं कि यहां पर नीतीश कुमार ने क्या किया और लालू यादव ने क्या किया। ठीक से शिक्षा तक नहीं दे पाए। समय पर डिग्री तक नहीं दे पाए। चाहे लालू प्रसाद यादव हो या नीतीश कुमार हो, मिथिला का अधिकार हमें वापस लाकर दे दीजिए।”

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