बिहार की राजनीति में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। और वह डिप्टी सीएम के बजाए सुपर सीएम के रोल में होते जा रहे हैं। सोनपुर मेले में तेजस्वी यादव ने खुद को मुख्यमंत्री कहा और इसके बाद उनके सहयोगी मंत्री ने भी उनको मुख्यमंत्री कहकर संबोधित किया। इसको लेकर चर्चाएं शुरू हो गईं।

दरअसल सोनपुर मेले के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे तेजस्वी यादव जब मंच पर अपनी बात कहने के लिए खड़े हुए तो खुद को पहले मुख्यमंत्री कहा और फिर तुरंत सुधारते हुए उपमुख्यमंत्री कहा। उन्होंने कहा कि जनता के आशीर्वाद से ही वह मुख्यमंत्री बने हैं। इससे पहले राज्य के मंत्री सुमित कुमार ने भी अपने भाषण के दौरान तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री बता दिया। हालांकि बाद में वे भी सुधार कर उपमुख्यमंत्री कहे।

कुछ दिन पहले एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को बिहार का सीएम कहकर संबोधित किया था। बिहार की सत्तारूढ़ दल में नेता बार-बार तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री कहकर संबोधित कर रहे हैं। इससे लोगों में चर्चा है कि यह सिर्फ जुबान फिसलना नहीं, बल्कि रणनीति के तहत उनको ऐसा कहा जा रहा है।

जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा महागठबंधन में वोटों के बिखराव से हुई हार

जनता दल (यूनाइटेड) के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को कहा कि गोपालगंज विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में ‘‘महागठबंधन’’ के वोटों में बिखराव के कारण राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा। सीतामढ़ी जिले में पत्रकारों से बातचीत में जद(यू) संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने मतदाताओं से ‘‘उन लोगों से सावधान रहने का आग्रह किया, जो किसी अन्य उम्मीदवार की हार सुनिश्चित करने के अलावा किसी अन्य उद्देश्य के लिए मैदान में कूदते हैं।’’

कुशवाहा ने कहा, ‘‘गोपालगंज में महागठबंधन के वोटों में बिखराव हुआ। एक उम्मीदवार को करीब 8,000 वोट मिले जबकि दूसरे को 12,000 वोट मिले। ये सभी वोट महागठबंधन के थे। अगर बिखराव नहीं हुआ होता तो राजद बड़े अंतर से जीत जाता।’’ विधायक सुभाष सिंह के निधन के कारण गोपालगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया गया। सिंह की पत्नी, भाजपा प्रत्याशी कुसुम देवी को 70,032 वोट मिले, जबकि राजद के मोहन गुप्ता को 68,243 वोट मिले।