बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (BSPCB) ने राज्य के 1,800 स्वास्थ्य केंद्रों को नोटिस जारी किया है। इन स्वास्थ्य केन्द्रों को बंद करने की चेतावनी दी गई है ये 1800 केंद्र ऐसे हैं, जहां बायो मेडिकल वेस्ट का ठीक से डिस्पोजल नहीं किया गया है। बता दें कि करीब एक महीने पहले बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने अधिकारियों को निर्देश दिया था कि अस्पतालों में साफ़-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित हो।

तेजस्वी यादव ने कहा था, “हम लोग की लड़ाई पहले से थी कि पढ़ाई, दवाई, सुनवाई और सिंचाई वाली सरकार होनी चाहिए। अस्पताल में लोग स्वस्थ होने के लिए जाते हैं। हमारा निर्देश है कि कोई अस्पताल जाए तो साफ़ सफाई हो, दवा मुफ्त हो, डॉक्टर उपलब्ध हो, बेसिक हेल्थ की चीजें लोगों तक पहुंचे। इन सब बेसिक जरूरतों को पूरा करने के लिए हमने स्वास्थ्य अधिकारियों को 60 दिनों का टारगेट दिया है।”

वहीं अब BSPCB के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष ने कहा कि राज्य के छह जिलों में इन केंद्रों को निपटान के लिए निर्धारित नियमों का पालन सुनिश्चित कर 15 दिनों में इसको पूरा करें अगर ऐसा नहीं हुआ तो इन केन्द्रों को बंद किया जायेगा।

अशोक कुमार घोष ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, “यदि ये 1800 स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं या केंद्र राज्य में सामान्य जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उपचार सुविधाओं (Common Bio-medical Waste Treatment Facilities) में चिकित्सा अपशिष्ट के वैज्ञानिक भंडारण, परिवहन और उपचार से संबंधित मानदंडों का पालन करने में विफल रहते हैं, तो BSPCB उन्हें बंद करने का आदेश देगा।

अशोक कुमार घोष ने कहा, “बोर्ड बिजली वितरण कंपनियों से इन स्वास्थ्य केन्द्रों को ऐसी परिस्थितियों में बिजली आपूर्ति बंद करने का भी अनुरोध करेगा। पटना में सबसे अधिक गलत स्वास्थ्य केंद्र इकाइयाँ हैं। अन्य जिले जहाँ नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है, वे भोजपुर, बक्सर, नालंदा, रोहतास और कैमूर हैं। बोर्ड को यह कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि बार-बार याद दिलाने के बावजूद, चिकित्सा केंद्रों ने संशोधन नहीं किया है।”

पटना में सबसे अधिक गलत स्वास्थ्य केंद्र इकाइयाँ हैं। अन्य जिले जहाँ नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है, वे भोजपुर, बक्सर, नालंदा, रोहतास और कैमूर हैं। घोष ने कहा कि बोर्ड को यह कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि बार-बार याद दिलाने के बावजूद चिकित्सा केंद्रों ने संशोधन नहीं किया है।

वहीं जब से बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव बने हैं, उसके बाद से उन्होंने कई बार अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों क निरीक्षण किया है। उन्होंने समाचार चैनल एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य है कि सबको अच्छी स्वास्थ्य सुविधा मिले और अस्पताल साफ़ सुथरे हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि सभी को इलाज के लिए डॉक्टर मिले।

तेजस्वी यादव ने प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे डॉक्टरों को लेकर कहा कि ऐसे कई डॉक्टर हैं, जो 12 साल से अस्पताल नहीं आ रहे हैं और वे छुट्टी पर हैं, साथ ही उन्हें सैलरी भी मिल रही है। उन्होंने कहा कि हमने नियम बनाया है कि छह महीने से अधिक समय से अनुपस्थित रह रहे डॉक्टरों को हटायेंगे।