जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने सम्राट चौधरी पर पटना के चर्चित शिल्पी गौतम हत्याकांड में शामिल होने का आरोप लगाया। इसके अलावा प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की कि वह सम्राट चौधरी को बर्खास्त करें और गिरफ्तार कर जेल भेजें। इस बीच प्रशांत किशोर के आरोपों पर सम्राट चौधरी ने जवाब दिया है और निशाना साधा है। सम्राट चौधरी ने कहा कि प्रशांत किशोर के पास कोई मुद्दा नहीं है और खोजी पत्रकारिता कर रहे हैं।

क्या बोले सम्राट चौधरी?

सम्राट चौधरी ने कहा कि कुछ लोगों के पास कुछ नया नहीं है और उनके पास कोई काम भी नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर के पास कोई मुद्दा नहीं है तो आजकल खोजी पत्रकार बन गए हैं। सम्राट चौधरी के अनुसार प्रशांत किशोर अपने भ्रष्टाचार को बचाने के लिए दूसरे पर थोपने का प्रयास कर रहे हैं। पहले उन्हें अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देना चाहिए।

इस बीच पार्टी के प्रवक्ता दानिश इकबाल ने प्रशांत किशोर को लीगल नोटिस भेजने की धमकी दी है। दानिश इकबाल ने कहा कि प्रशांत किशोर मीडिया में जगह पाने के लिए फर्जी आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सम्राट चौधरी को कोर्ट ने 1997 और 1998 में ही बरी कर दिया था और वह भाजपा के बड़े नेताओं के खिलाफ गलतबयानी कर रहे हैं। दानिश इकबाल ने कहा कि हम उन्हें लीगल नोटिस भेजेंगे और सलाखों के पीछे भेजेंगे।

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क्या है आरोप?

प्रशांत किशोर ने बिहार के राज्यपाल से मांग की है कि वो सम्राट चौधरी को तुंरत पद से बर्खास्त कर गिरफ्तार करवाएं। पीके ने आरोप लगाते हुए कहा कि साल 1995 में तारापुर में कुशवाहा समाज सात लोगों की हत्या में सम्राट चौधरी अभियुक्त थे।प्रशांत किशोर ने कहा कि उन्हें साल 1995 में गिरफ्तार किया गया लेकिन अदालत द्वारा गलत तरीके से नाबालिग करार दिए जाने के बाद रिहा कर दिया गया।

पीके ने दावा किया कि कोर्ट में सम्राट चौधरी ने उम्र को लेकर गलत हलफनामा दिया। इसलिए वो अभियुक्त होने के बाद भी जेल से बरी कर दिए गए। पीके ने आगे कहा कि सम्राट चौधरी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए गए डॉक्युमेंट के आधार पर उन्हें 95 में चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट में नाबालिग होने के नाम पर वहां से राहत दी।