बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक है लेकिन इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को लगातार झटके लग रहे हैं। बता दें कि बिहार में राजद के उपाध्यक्ष विजेन्द्र यादव ने पार्टी छोड़ दी है। विजेन्द्र यादव का आरोप है कि बीते 10 सालों से पार्टी में उनकी उपेक्षा की जा रही थी। उन्होंने राजद से इस्तीफा देने के बाद यह भी आरोप लगाया है कि पार्टी में किसी भी पुराने नेता को इज्जत नहीं दी जा रही है। विजेन्द्र यादव राजद के वरिष्ठ नेता रहे हैं और उन्हें राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का काफी करीबी माना जाता है।

पूर्व विधायक विजेन्द्र यादव ने कहा है कि “लालू जी अब पहले जैसे नहीं रहे हैं, जैसे कि वो 1990 और 2000 में हुआ करते थे। वह बदल गए हैं इसलिए बदलाव जरुरी है और मैं पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।” विजेन्द्र यादव ने पार्टी में अपनी उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि “जिले में कई सम्मेलन हुए लेकिन उनमें मुझे बोलने का मौका ही नहीं दिया गया, जबकि मैं स्टेज पर मौजूद रहा।”

उन्होंने ने ये भी कहा कि उस पार्टी को छोड़ते हुए उन्हें दुख भी हो रहा है जिसके साथ वह 30 सालों तक जुड़े रहे। लेकिन जब मुझे कोई जिम्मेदारी ही नहीं दी जा रही है तो मैं इस पार्टी में कैसे रह सकता हूं?

बता दें कि विजेन्द्र यादव जैसे वरिष्ठ नेता का पार्टी छोड़ना राजद के लिए इसलिए भी झटका है क्योंकि इससे पहले पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता और लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, रघुवंश प्रसाद सिंह इन दिनों पार्टी के कई फैसलों से नाराज चल रहे हैं।

इतना ही नहीं हाल ही में पार्टी के पांच एमएलसी ने जदयू का दामन थाम लिया था। राजद के पास इससे पहले 8 एमएलसी थे लेकिन अब उसके पास सिर्फ तीन एमएलसी रह गए हैं। जिन एमएलसी ने राजद छोड़कर जदयू में शामिल होने का फैसला किया है उनमें राधाचरण शाह, संजय प्रसाद, दिलीप राय, मोहम्मद कमर आलम और रणविजय कुमार सिंह का नाम शामिल है।