बिहार के पूर्व मंत्री श्याम रजक जेडीयू में शामिल हो गए हैं। जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने श्याम रजक को पार्टी की सदस्यता दिलवाई। श्याम रजक ने 22 अगस्त को आरजेडी से इस्तीफा दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि फुलवारी शरीफ का जो विकास होना चाहिए, वह नहीं हुआ और इसका मुझे दुख है।

जेडीयू में श्याम रजक ने की वापसी

श्याम रजक इससे पहले भी जेडीयू में रह चुके हैं और पार्टी छोड़कर आरजेडी में गए थे। वहीं जेडीयू में वापसी के बाद श्याम रजक ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बंद कमरे में बैठकर कोई आंदोलन नहीं होता बल्कि सड़कों पर निकालकर पसीना बहाना चाहिए।

श्याम रजक ने कहा कि नीतीश कुमार ने बिहार में जाति आधारित जनगणना कराई और आरक्षण का दायरा बढ़ाने का फैसला किया और अब मामला सुप्रीम कोर्ट में है। श्याम रजक ने कहा कि नीतीश कुमार में मेरी पूरी आस्था है और इसलिए मैं अब जेडीयू में वापसी कर रहा हूं। श्याम रजक ने कहा कि जनता को भी फुलवारी शरीफ का विकास न होने का दुख है और हमें इसका मलाल है।

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श्याम रजक बिहार की राजनीति के काफी दिग्गज नेता माने जाते हैं। वह पटना की फुलवारी शरीफ विधानसभा सीट से 6 बार विधायक चुने जा चुके हैं। इसके अलावा 15 साल तक बिहार सरकार में मंत्री रहे हैं। 2020 में उन्होंने जेडीयू से बगावत की थी और बाद में पार्टी ने बाहर कर दिया था। इसके बाद वह आरजेडी में शामिल हो गए थे।

श्याम रजक को आरजेडी में बड़ी जिम्मेदारी दी गई और पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। हालांकि श्याम रजक को पार्टी में शामिल करने के खिलाफ तेज प्रताप यादव ने मोर्चा खोल दिया था। श्याम रजक ने अपनी राजनीति की शुरुआत जेपी आंदोलन से की थी। इसके बाद वह लालू यादव के साथ चले गए थे और उन्हें लालू ने मंत्री भी बनाया था। 2009 में श्याम रजक ने आरजेडी छोड़कर जेडीयू की सदस्यता ली थी और उसके बाद 11 साल तक वह जेडीयू में थे।