बिहार की राजनीति में सियासी हलचल मची हुई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कांग्रेस और आरजेडी से नाराज चल रहे हैं। माना जा रहा है कि नीतीश मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे और फिर उसके बाद भाजपा के साथ सरकार बनाएंगे। ऐसे में बड़ा सवाल उठ रहा है कि आखिर नीतीश नाराज क्यों हैं और आने वाले समय में क्या होने वाला है? यहां आप हर सवाल का जवाब जान सकते हैं।

बिहार में क्या बड़ा होने वाला है?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन के नेताओं से नाराज चल रहे हैं। माना जा रहा है कि वह इस्तीफा देकर फिर से बीजेपी के साथ सरकार बना सकते हैं।

नीतीश की नाराजगी की मेन वजह क्या है?

बताया जाता है कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन में अहम पद चाहते थे, लेकिन अभी तक ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई। वहीं दूसरी वजह बताई जा रही है कि लालू यादव लगातार तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की बात अंदरखाने कह रहे थे। इससे नीतीश प्रेशर में थे।

नीतीश बीजेपी के साथ ही क्यों जाना चाहते?

बीजेपी के साथ नीतीश कुमार का पुराना रिश्ता और आने वाले लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन को देखते हुए वह बीजेपी के साथ जाना चाहते हैं।

बीजेपी के लिए नीतीश जरूरी क्यों?

बीजेपी के लिए नीतीश कुमार इसलिए जरूरी है क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं। एनडीए ने 2019 के लोकसभा चुनाव बिहार में 39 सीटों पर जीत हासिल की थी। पार्टी फिर से वही प्रदर्शन दोहराना चाहती है। ऐसे में नीतीश का साथ जरूरी है।

क्या RJD कोई बड़ा खेल कर सकती है?

आरजेडी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। आरजेडी बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है और सहयोगियों के साथ उसकी संख्या 114 हो जाती है। यानी बहुमत से केवल आठ कदम दूर है। माना जा रहा है कि जेडीयू के 8 से 10 विधायकों पर आरजेडी की नजर है।

हर कोई जीतन राम मांझी से संपर्क क्यों साध रहा?

हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी पर इस वक्त सबकी नजर है। मांझी एनडीए के साथ हैं लेकिन उनके पास 4 विधायक हैं। ऐसे में इंडिया गठबंधन की कोशिश है कि जीतनराम मांझी को अपने पक्ष में करें और बहुमत के आंकड़े के करीब जाए।

स्पीकर का क्या रोल रहने वाला है?

बिहार विधानसभा के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी हैं जो आरजेडी के बड़े नेता हैं और लालू प्रसाद यादव के काफी करीबी हैं। अगर बहुमत साबित करने की बात आई तो उनका रोल काफी अहम हो जाएगा।

बिहार में कौन सी पार्टी के पास कितनी सीटें?

बिहार में आरजेडी के पास 79 विधायक हैं जबकि भाजपा के पास 78 विधायक हैं। जेडीयू के पास 45, कांग्रेस के पास 19, सीपीआईएमएल के पास 12, सीपीआई के पास 2, सीपीएम के पास 2, HAM के पास 4 और एआईएमआईएम के पास एक विधायक है।

क्या बिहार कांग्रेस को तोड़ने वाली है बीजेपी?

कांग्रेस के 19 विधायक है और ऐसा बताया जा रहा है कि उनके ज्यादातर विधायक नॉट रीचेबल हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के विधायकों पर बीजेपी और जेडीयू दोनों की नजर है।

अगर बीजेपी के साथ गई जेडीयू, सीएम नीतीश ही रहेंगे?

बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बीच पुराने फार्मूले पर ही चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि अगर सरकार बीजेपी के साथ बनती है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ही बनेंगे जबकि भाजपा के दो डिप्टी सीएम होंगे।