Bihar BJP vs JDU: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा गुरुवार(3 नवंबर) को सचिवालय में उर्दू अनुवादक और अन्य उर्दू कर्मियों को नियुक्ति पत्र दिए जाने पर भाजपा ने निशाना साधा है। बता दें कि नियुक्ति पत्र दिए जाने के कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार हिंदी के साथ उर्दू को भी बढ़ावा दे रही है। इस बात को लेकर भाजपा की तरफ से कहा गया कि बिहार में पाकिस्तान मत बनाइए।

दरअसल उर्दू अनुवादकों को नियक्ति पत्र देने के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि लोग हिंदी के साथ उर्दू जानेंगे तो उनका ज्ञान अधिक बढ़ेगा। उन्होंने कार्यक्रम में नियुक्ति पत्र बांटने के बाद कहा, “जो लोग नियुक्त हुए हैं, वे अपनी जिम्मेदारी का सही तरीके से निर्वहन करें और जहां भी रहें वहां लोगों को उर्दू सिखाएं।”

इसपर बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने निशाना साधते हुए एक ट्वीट में कहा कि सीएम नीतीश जी की मंशा हर स्कूल में उर्दू शिक्षक बहाल करने की है।

बिहार में पाकिस्तान मत बनाओ:

उन्होंने आगे लिखा, “विधानसभा में उर्दू जानकर क्यों है? अब हर थाने में उर्दू ट्रांसलेटर घुसेड़े जाएंगे। बिहार के मुस्लिम बहुल सीमावर्ती जिले में दलित-पिछड़े-अति पिछड़े तबाह है। भाई! बिहार में पाकिस्तान मत बनाओ, खुद पाकिस्तान चले जाओ।” बता दें कि निखिल आनंद ने यह ट्वीट तीन नवंबर को किया था।

इससे पहले 3 नवंबर को मुख्यमंत्री सचिवालय के संवाद’ कक्ष में हुए समारोह में बोलते हुए नीतीश कुमार ने समाज के कमजोर वर्गों, खासकर अल्पसंख्यकों और दलितों के उत्थान की बात की और इनके लिए अपनी सरकार में किए गए प्रयासों को बताया। इस कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने का भी मुद्दा उठाया। इसके अलावा मीडिया से बात करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार ने अबतक अपने विकास की कहानी अपने दमपर लिखी है।

वहीं बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग पर जदयू नेता अभिषेक झा ने कहा, ‘हमारे नेता नीतीश कुमार ने हमेशा बिहार के सम्मान और अधिकारों की बात की है। राज्य को विशेष दर्जा देने के लिए हमने हमेशा मांग की है। अगर केंद्र सरकार की मंशा होती तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल गया होता। लेकिन उन्होंने हमेशा पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया।