बिहार में नाटकीय उलटफेर के बाद JDU अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रविवार को रिकॉर्ड नौवीं बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बिहार की महागठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री के तौर पर इस्तीफा देने के बाद नीतीश ने दावा किया कि विपक्षी गठबंधन INDIA में स्थिति ठीक नहीं है। रविवार को ही NDA की नयी सरकार के मुख्यमंत्री के रूप में राजभवन में राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर ने उन्हें शपथ दिलायी। राज्य में नई सरकार बनने के बाद अब एनडीए ने आरजेडी के खिलाफ पहला एक्शन लिया है और विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
आरजेडी नेता अवध बिहारी चौधरी अगर स्पीकर पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन्हें बहुमत से हटाया जाएगा। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, विधानसभा अध्यक्ष को पद से हटाने के लिये बीजेपी के नंदकिशोर यादव ने विधानसभा सचिव को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया हैं। स्पीकर के खिलाफ नोटिस देने वाले प्रस्ताव में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, पूर्व डिप्टी सीएम बीजेपी के तारकिशोर प्रसाद, जेडीयू के विनय कुमार चौधरी, रत्नेश सदा समेत कई और विधायकों के भी हस्ताक्षर हैं।
गौरतलब है कि एनडीए गठबंधन के पास 128 विधायक हैं तो वहीं, विपक्षी महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं। ऐसे में स्पीकर अवध बिहारी चौधरी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर उनका हटना तय है।
नीतीश कुमार ने बदला पाला
वहीं, दूसरी ओर नीतीश कुमार ने शपथ ग्रहण के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं पहले भी उनके (NDA) साथ था। हम अलग-अलग रास्तों पर चले गए लेकिन अब हम साथ हैं और रहेंगे। मैं जहां था, वहां वापस आ गया और अब कहीं जाने का सवाल ही नहीं उठता।’’ वहीं, बिहार में नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि जो काम पूरे देश में नहीं हुआ, वो हमने किया। उनकी तरफ से इस बात पर भी जोर दिया गया है कि अभी भी खेल बाकी है, जो मैं कहता हूं वो करके दिखाता हूं।
कांग्रेस, आरजेडी और INDIA गठबंधन की अन्य पार्टियों ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन से विश्वासघात करने के लिए आलोचना की। कुछ विपक्षी दलों ने उन्हें बार-बार पाला बदलने के लिए गिरगिट और पलटू राम तक करार दिया। विपक्षी पार्टियों ने चेतावनी दी कि बिहार के लोग नीतीश कुमार और भाजपा को करारा जवाब देंगे। पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि जेडीयू लोकसभा चुनाव में खत्म होने के लिए पूरी तरह तैयार है।