राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता, बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सोमवार (सात जनवरी, 2019) को पटना हाईकोर्ट ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने बिहार सरकार के आदेश को चुनौती दी थी। आदेश में तेजस्वी से सरकारी बंगला खाली करने के लिए कहा गया था, जो कि उन्हें उप-मुख्यमंत्री रहने के दौरान आवंटित किया गया था। ऐसे में माना जा रहा है कि उन्हें यह बंगला खाली करना पड़ सकता है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीफ जस्टिस एपी शाही की बेंच ने बीते हफ्ते तेजस्वी की अपील पर सुनवाई पूरी करने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को उसी पर फिर सुनवाई हुई, जिसमें आरजेडी नेता को राहत देने से कोर्ट ने साफ इन्कार कर दिया।

दरअसल, उप-मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद तेजस्वी को 5, देशरत्न मार्ग स्थित सरकारी बंगला खाली करने को लेकर आदेश जारी किया गया था। उन्हें उसी पर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी। हालांकि, सिंगल बेंच ने राज्य सरकार के आदेश को बिल्कुल सही बताते हुए तेजस्वी को राहत देने से मना कर दिया। हालांकि, सूत्रों का यह भी कहना है कि आरजेडी नेता इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा सकते हैं।

तेजस्वी से सरकारी बंगला खाली करवाने के लिए आरजेडी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दल (यूनाइटेड) के बीच पूर्व में काफी तकरार भी हो चुकी है। बीते महीने बंगला खाली कराने के लिए वहां पुलिस का दस्ता भेजा गया था, मगर उसे बैरंग लौटना पड़ा था। वहीं, इस घटना से कुछ रोज पहले आरजेडी नेताओं ने बंगला खाली कराने को लेकर विरोध में धरना दिया था।

बता दें कि उप-मुख्यमंत्री पद पर रहने के दौरान तेजस्वी ने बंगले को सजाने और उसे भव्य बनाने पर खासा रकम खर्च की थी। बताया जाता है कि तब उन्होंने बंगले को अपने हिसाब से दुरुस्त कराने पर लगभग करोड़ों रुपए खर्च किए थे। यही नहीं, उन्होंने तब पसंदीदा सोफे लगवाए थे, जिनकी कीमत लगभग 50 हजार रुपए (एक की) के आसपास थी।