Bihar News: बिहार के छपरा में 24 घंटे के अंदर 12 लोगों की संदिग्ध हालत में मौत हो गई। आशंका है कि जहरीली शराब का सेवन करने से इन लोगों की जान गयी है। कुछ और लोगों के भी बीमार होने की सूचना है। जिसके बाद बुधवार (14 दिसंबर) को पटना में बिहार विधानसभा के बाहर भाजपा विधायकों ने कई मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान विपक्ष के सवालों पर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने अपना आपा खो दिया।
Nitish Kumar ने सभापति की तरफ इशारा करते हुए कहा ‘भगाओ सबको’
बिहार के सीएम नीतीश कुमार राज्य विधानसभा में अपना आपा खो बैठे। दरअसल, विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने छपरा में जहरीली शराब से हुई मौतों के मद्देनजर राज्य सरकार के शराब बंदी पर सवाल उठाया था।
विपक्ष के सवाल पर गुस्से में भड़कते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “क्या हो गया…ए।” मुख्यमंत्री ने सदन में सवाल पूछते हुए कहा कि जब शराबबंदी कानून लाया जा रहा था तब सब पक्ष में थे या नहीं जवाब दो। उन्होंने सदन के सदस्यों को भगाने की बात भी कही। सीएम नीतीश ने सभापति की तरफ इशारा करते हुए कहा ‘भगाओ सबको’।
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नीतीश जी (Nitish Kumar) का समय गया- सुशील मोदी
भाजपा सांसद सुशील मोदी ने नीतीश कुमार के गुस्से पर कहा, “नीतीश जी का समय चला गया है, उनकी स्मरण शक्ति भी चली गई है। वे बात-बात पर गुस्सा हो जाते हैं। पिछले एक साल में एक दर्जन ऐसी घटना हुई है जिसमें उन्होंने आपा खो दिया और वे तुम-ताम पर उतर आते हैं। प्रशांत किशोर, भाजपा के बारे में भी वे तुम का प्रयोग करते हैं।”
आरजेडी JDU को ठग रही या जेडीयू RJD को ठग रही है पता नहीं चल रहा- तारकिशोर प्रसाद
वहीं, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा,”नशाबंदी को लागू करने के तरीके को और बेहतर करने की जरूरत है। इसे सख्ती से लागू करने के साथ-साथ दंड देने के तरीके को भी बदलने की जरूरत है।” उन्होंने आगे कहा, “नीतीश कुमार ने 2025 तक अपनी गद्दी सुरक्षित कर ली है। अब आरजेडी JDU को ठग रही है या जेडीयू RJD को ठग रही है यह पता नहीं चल रहा है लेकिन जदयू के लोगों से कहूंगा कि 2025 का उनका भविष्य किसके हाथ में है वे उसकी चिंता शुरू कर दें।”
किसी भी पेय पदार्थ पर प्रतिबंध लगाना मानसिक दिवालियापन- Liquor Ban पर RJD विधायक सुधाकर सिंह
RJD विधायक सुधाकर सिंह ने बिहार में शराबबंदी पर कहा, “यह क्रिमिनल एक्ट का हिस्सा नहीं बल्कि सिविल एक्ट का हिस्सा है। बहुत सी बातें हैं जो गलत हैं लेकिन उनके लिए किसी को जेल भेजना न्यायोचित नहीं है।” सुधाकर सिंह ने आगे कहा, “मेरा मत स्पष्ट है, किसी भी खाद्य पदार्थ या पेय पदार्थ पर प्रतिबंध लगाना मानसिक दिवालियापन है। आप प्रतिबंध नहीं लगा सकते। जागरूकता और परामर्श के माध्यम से आपको लोगों को यह समझाना चाहिए कि शराब का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।”