बिहार में चमकी बुखार से 100 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है। इससे नाराज पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने ट्ववीट में लिखा – एनडीए सरकार की घोर लापरवाही, कुव्यवस्था, सीएम का महामारी को लेकर अनुत्तरदायी, असंवेदनशील और अमानवीय अप्रोच। लचर और भ्रष्ट व्यवस्था, स्वास्थ्य मंत्री के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार और भ्रष्ट आचरण के कारण गरीबों के 1000 से ज्यादा मासूम बच्चों की चमकी बुखार के बहाने हत्या की गई है।
बिहार में इस समय गर्मी का कहर अपने चरम पर है। यहां 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच नवादा में गर्मी के चलते इंटरमीडिएट की प्रैक्टिकल परीक्षा रद्द कर दिया गया है। इस परीक्षा के लिए अब 24 जून की तारीख घोषित की गई है।
बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार कहे जाने वाले अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से अब 100 से अधिक मासूमों की जान जा चुकी है। ऐसे में सीएम नीतीश कुमार पीड़ितों का हाल जानने के लिए मुजफ्फरपुर के SKMCH अस्पताल पहुंचे थे। लेकिन यहां उनको लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा है। लोगों ने नीतीश वापस जाओ, मुर्दाबाद और हाय-हाय के नारे लगाते हुए अपना विरोध दर्ज कराया।
बिहार के कई जिले भयंकर गर्मी से झुलस रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि महज 3 दिन में 203 लोगों की मौत हो गई है। इसके चलते गया में धारा-144 लागू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि लगातार बिगड़ते हालात देखकर प्रशासन ने यह कदम उठाया है। हालांकि, सोमवार रात हुई बारिश ने कुछ इलाकों को राहत जरूर दी है।
डीएम ने जारी किए निर्देश: गया के डीएम अभिषेक सिंह द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, भीषण गर्मी और लू को देखते हुए लोगों को सुबह 11 से शाम 4 बजे तक अपने घरों में ही रहना होगा। मौसम सामान्य होने तक धारा 144 लागू रहेगी। वहीं, सुबह 11 से शाम 4 बजे तक निर्माण कार्य पर भी रोक लगा दी गई है। मनरेगा योजनाएं भी सुबह 10:30 बजे के बाद नहीं चलेंगी। इस दौरान खुले स्थानों पर कार्यक्रम की भी निषेधाज्ञा लागू रहेगी।
पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने ट्ववीट में लिखा - एनडीए सरकार की घोर लापरवाही, कुव्यवस्था, सीएम का महामारी को लेकर अनुत्तरदायी, असंवेदनशील और अमानवीय अप्रोच। लचर और भ्रष्ट व्यवस्था, स्वास्थ्य मंत्री के गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार और भ्रष्ट आचरण के कारण गरीबों के 1000 से ज्यादा मासूम बच्चों की चमकी बुखार के बहाने हत्या की गई है।
बिहार में इस समय गर्मी का कहर अपने चरम पर है। यहां 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस बीच नवादा में गर्मी के चलते इंटरमीडिएट की प्रैक्टिकल परीक्षा रद्द कर दिया गया है। इस परीक्षा के लिए अब 24 जून की तारीख घोषित की गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि बिहार में चमकी बुखार के हालात पर हमारी नजर है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को हर संभव मदद दी जाएगी। हम हर घंटे उपजे हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
मुजफ्फरपुर और इसके आसपास के जिलों में चमकी-बुखार (एईएस) से बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। अब तक इससे 108 बच्चों की मौत हो चुकी है। बिहार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया हैं कि सीएम नीतीश कुमार ने कुछ निर्देश दिए हैं। उन्होंने ये भी बताया की अस्पतालों में आने के लिए कोई खर्च नहीं उठाना पड़ेगा, उनको 400 रुपए किराया भी दिए जाएगा।
बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार कहे जाने वाले अक्यूट इन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से अब 100 से अधिक मासूमों की जान जा चुकी है। ऐसे में सीएम नीतीश कुमार पीड़ितों का हाल जानने के लिए मुजफ्फरपुर के SKMCH अस्पताल पहुंचे थे। लेकिन यहां उनको लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा है।
बिहार के कटिहार में गर्मी का कहर जारी है। यहां लू लगने से सिविल कोर्ट परिसर में एक ASI बेहोश होकर गिर पड़ा। जिसके बाद उसे फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है।
बिहार के दरभंगा से 650 कार्टून शराब बरामद की गई है। बताया जा रहा है कि एक ट्रक से ले ये शराब ले जाए जा रही थी। जिसे कुशेश्वरस्थान थाना क्षेत्र के पकाही झझड़ा गांव से पकड़ा गया है।
बिहार के किशनगंज में रेलवेस्टेशन के पास ट्रेन की चपेट में आने से एक रेल कर्मी की मौत हो गई। मौके पर आरपीएफ ने पहुंचकर शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। रेलकर्मी इलेक्ट्रिक स्टाफ बताया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चमकी बुखार की वजह से बिहार में मुजफ्फपुर में मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 108 हो गई है।
बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से मरने वाले बच्चों की संख्या 107 हो गई है। अधिकारियों के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 107 बच्चों की मौत हुई है। वहीं, केजरीवाल हॉस्पिटल में 19 बच्चों ने दम तोड़ दिया।