Bihar Glass Bridge: बिहार के कैमूर जिले का तेल्हाड़ कुंड, जहां अब तक केवल झरने की गर्जना और हरियाली का जादू लोगों को लुभाता था, अब एक हाईटेक पर्यटन स्थल में तब्दील होने जा रहा है। जंगलों की गोद में बसा यह झरना अब सिर्फ देखने भर का नहीं रहेगा, बल्कि “महसूस करने” का अनुभव भी देगा और वो भी हवा में लटकते ग्लास ब्रिज से!
राज्य सरकार ने हाल ही में यहां ग्लास ब्रिज, झूला पुल और वॉच टावर जैसे आधुनिक आकर्षणों को मंजूरी दी है। 9 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह ग्लास ब्रिज बिहार का दूसरा होगा, पहला नालंदा में है। इस पारदर्शी पुल पर खड़े होकर नीचे बहते झरने की गर्जना और कोहरे में खोया नजारा, इसे देखने वालों के लिए ये किसी सपने जैसा होगा।
2027 तक पूरा होगा प्रोजेक्ट, बरसात के बाद शुरू होगा काम
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दौरे के बाद इस परियोजना को आधिकारिक हरी झंडी मिली है। कैमूर के वन संरक्षक चंचल प्रकाशम के अनुसार, काम बरसात के बाद शुरू होगा और मार्च 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
तेल्हाड़ कुंड अब सिर्फ नैसर्गिक सौंदर्य का केंद्र नहीं रहेगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों का हॉटस्पॉट भी बनेगा। स्थानीय युवाओं को गाइडिंग, फूड स्टॉल, हस्तशिल्प और होमस्टे के जरिए रोजगार मिलेगा, वहीं महिलाएं स्थानीय उत्पादों की बिक्री से आत्मनिर्भर बन सकेंगी।
भारत के इस राज्य में समुद्र के ऊपर बना कांच का पुल, CM ने खुद की सैर, नज़ारा देखकर ही मज़ा आ जाएगा
भारत का पहला ग्लास ब्रिज तमिलनाडु के कन्याकुमारी में दिसंबर 2024 में खुला था। वहां की तरह अब बिहार भी ‘झरने के ऊपर चलने’ का अनुभव देगा। इससे न सिर्फ राज्य की छवि बदलेगी बल्कि यहां का पर्यटन मानचित्र भी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 30 दिसंबर, 2024 को कन्याकुमारी में विवेकानंद स्मारक और तिरुवल्लुवर प्रतिमा को जोड़ने वाले भारत के पहले कांच के पुल का उद्घाटन किया। इस पुल को एक अनोखा दृश्य अनुभव प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसकी पारदर्शी कांच की सतह आगंतुकों को नीचे समुद्र का अद्भुत दृश्य प्रदान करती है।