Coordination Committee in Bihar Govt: बिहार सरकार में आरजेडी कोटे के मंत्री सुधाकर सिंह के इस्तीफा देने के बाद महागठबंधन में शामिल छोटे घटक दलों ने जल्द समन्वय समिति (Coordination Committee) गठित करने की मांग की है।

बिहार महागठबंधन में शामिल CPI (ML) ने बुधवार को मांग रखी कि सरकार को सही और शांत तरीके से चलाने के लिए तुरंत प्रभाव से एक को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनानी चाहिए। दरअसल हाल ही में आरजेडी कोटे से मंत्री बने सुधाकर सिंह ने इस्तीफा दिया था, जिसके बाद कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माले) ने अपनी मांग फिर दोहराई है।

छोटे दलों ने उठायी समन्वय समिति गठित करने की मांग: सीपीआई (माले) के विधायक महबूब आलम ने बताया कि आरजेडी कोटे के मंत्री सुधाकर सिंह के इस्तीफा देने के बाद उन्होंने हाल ही में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से मुलाकात की थी और उनसे मांग की थी कि सरकार को सुचारू तरीके से चलाने के लिए जल्द से जल्द को-ऑर्डिनेशन कमेटी बनायी जाए।

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार की महागठबंधन सरकार में सात पार्टियां शामिल हैं। इनमें जेडीयू, आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआईएमएल (एल), सीपीआई (एम), सीपीआई, एचएएम शामिल हैं। कांग्रेस, भाकपा, भाकपा (माले) और हम (एस) के नेताओं ने सरकार के सुचारू कामकाज के लिए एक समन्वय समिति गठित करने की अपनी मांग दोहराई है।

सरकार के सुचारू कामकाज के लिए: नीतीश कैबिनेट में शामिल कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के मुद्दों को उठाकर सरकार के कृषि रोडमैप पर सवाल उठाए थे। जिसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस पर महबूब आलम ने कहा कि वह नीतीश सरकार का हिस्सा थे इसलिए उन्हें कामकाज पर सवाल नहीं उठाने चाहिए थे। इस तरह के कृत्यों का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है इसलिए बिहार में महागठबंधन सरकार के गठन के तुरंत बाद हमने एक को-ऑर्डिनेशन कमेटी के गठन की मांग की थी और सरकार के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने के लिए एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के लिए कहा था।

बिहार कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी ने कहा कि दो स्तरों पर एक समन्वय समिति की आवश्यकता है, पहला सरकार के समग्र कामकाज की निगरानी के लिए और दूसरा कांग्रेस के दो मंत्रियों द्वारा किए गए कार्यों की समीक्षा भी। एचएएम (एस) के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा, “हमें जल्द समन्वय समिति मिलने की उम्मीद है। डेढ़ महीने पहले उनसे हुई हमारी पिछली मुलाकात के दौरान सीएम ने हमें ऐसा आश्वासन दिया था।”

फैसले की जिम्मेदारी शीर्ष नेताओं पर: हालांकि, आरजेडी और जेडीयू ने इस मुद्दे पर फैसला करने की जिम्मेदारी अपने शीर्ष नेताओं पर छोड़ दी है। राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध कुमार ने कहा, “चूंकि इस मामले पर हमारे शीर्ष नेताओं, लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के स्तर पर चर्चा की गई है, यह पूरी तरह से उन पर निर्भर है कि समन्वय समिति कब बनाई जाए।” जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, “चूंकि सीएम पहले ही गठबंधन के घटकों के साथ इस पर चर्चा कर चुके हैं, हमें उम्मीद है कि वह इस पर फैसला करेंगे।”