विधानसभा चुनाव के लिए मंगलवार को मतदान संपन्न हो गया। इस बार पूरा चुनाव रोजगार, पलायन, घुसपैठ, महिलाओं की सुरक्षा और कानून व्यवस्था इन पांच मुद्दों पर टिका रहा। चुनाव के दोनों चरणों के लिए हुए प्रचार में राजग और महा गठबंधन के नेता इन्हीं विषयों को लेकर एक दूसरे पर निशाना साधते दिखाई दिए।

हालांकि चुनाव के शुरूआती दौर में दोनों गठबंधनों विकास करने का दावे करते रहे, लेकिन कानून व्यवस्था को लेकर गर्म हुए चर्चाओं का दौर कट्टे तक जा पहुंचा। पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 अक्तूबर को समस्तीपुर की रैली में कट्टे शब्द का प्रयोग किया। उसके बाद प्रधानमंत्री सहित राजग के लगभग सभी नेता अपने सभाओं में कट्टे शब्द को दोहराते दिखे। वहीं इसके जवाब में महागठबंधन के तरफ से तेजस्वी यादव, राहुल गांधी सहित सभी बड़े नेताओं ने कहा कि कट्टे वाली भाषा से बिहार-बिहारियों की छवि खराब हो रही है।

इस चुनाव में कानून व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरा। कट्टे के सहारे राजग ने लालू यादव के शासन काल के कानून व्यवस्था को जनता के सामने रखा। प्रधानमंत्री सहित सभी नेताओं ने राजद के चुनाव प्रचार में कट्टे वाले गाने के शब्दों का प्रयोग किया। वहीं, कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए विपक्ष ने राज्य में अपराध, लूट और हत्या की घटनाएं को उठाया।

राज्य में बेरोजगारी की स्थिति देश के औसत से अधिक

एक रपट के अनुसार, बिहार में रोजगार एक बड़ा मुद्दा है। बिहार विधानसभा में 12 फरवरी को पेश आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023-24 बताता है कि राज्य में बेरोजगारी की स्थिति देश के औसत से अधिक है। इस रिपोर्ट के अनुसार राज्य में बेरोजगारी दर 4.3 फीसद है जो राष्ट्रीय औसत 3.4 फीसद से 0.9 फीसद से अधिक है। यही कारण है कि तेजस्वी यादव से लेकर नीतीश कुमार व सभी दलों ने करोड़ों युवाओं को रोजगार देने का वादा किया। रोजगार, शिक्षा सहित दूसरे कारणों से पलायन एक बड़ा मुद्दा है।

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जनसंख्या विज्ञान संस्थान की रपट के अनुसार बिहार के आधे से अधिक परिवार देश के भीतर या बाहर अधिक विकसित स्थानों पर पलायन के लिए मजबूर हैं। महागठबंधन ने इसे सरकार की असफलता करार दिया। जबकि सरकार ने दावा किया कि प्रदेश में उद्योग सहित दूसरे विकास से पलायन को कम कर रहे हैं। साथ ही दावा किया कि इस दिशा में तेजी से कमी भी आई है। इसके अलावा सीमांचल और आसपास के इलाकों में घुसपैठ के मुद्दे ने भी जोर पकड़ा।

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने एसआइआर के बहाने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर वोट चोरी करने का आरोप लगाया। जबकि राजग के नेताओं ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बताते हुए इसे दूर करने की बात की। महिलाओं की सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर भी महागठबंधन ने नीतीश नीत राजग सरकार को घेरा। मोकामा में अनंत सिंह प्रकरण और दुलारचंद यादव की हत्या के बाद कानून व्यवस्था को लेकर अधिक सवाल उठे।