बिहार चुनाव में महागठबंधन की सबसे मजबूत सीट राघोपुर पर कड़ा मुकाबला है। इस सीट से महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार राजद नेता तेजस्वी यादव मैदान में हैं। इस सीट के दमदार होने की सबसे बड़ी वजह यह है कि तेजस्वी यादव इस सीट से दो बार विधायक रहे हैं और बीते चुनावों में कोई भी दल उनके मतों के अंतर के करीब तक नहीं पहुंच पाया है। इस बार तेजस्वी यादव महागठबंधन से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं, जो कि इस चुनावी दंगल को और दिलचस्प बना रहा है। इस बार तेज प्रताप ने अपनी पार्टी से भी उम्मीदवार उतारा है। यहां लालू परिवार की विरासत दांव पर है।
इस सीट का इतिहास रहा है कि इस सीट पर खुद पूर्व मुख्यमंत्री व राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव दो बार और उनकी पत्नी राबड़ी देवी तीन बार जीती हैं। इसके बाद 2015 व 2020 के चुनाव में राघोपुर सीट से पार्टी ने तेजस्वी यादव को टिकट दिया था और वे लगातार इस सीट पर जीत दर्ज कराते रहे हैं। इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने सतीश कुमार यादव को टिकट दिया है। 2020 के चुनाव में यहां पर राष्ट्रीय जनता दल और भारतीय जनता पार्टी के बीच ही सीधी टक्कर थी। यहां तेजस्वी यादव को 97404 वोट और सतीश कुमार यादव को 59230 वोट मिले थे। ये दोनों ही उम्मीदवार यादव समाज से संबंधित हैं। बीते चुनाव के समीकरण बताते हैं कि इसके अतिरिक्त लोक जनशक्ति पार्टी ने भी यहां पर अधिक मत प्राप्त किए थे।
19 प्रत्याशी चुनावी मैदान में
आयोग के आंकड़े के मुताबिक, इस बार राघोपुर सीट पर निर्वाचन आयोग के पास कुल 23 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दर्ज कराया था। आयोग ने आवेदनों की जांच के बाद 19 आवेदन को वैध माना था और चार आवेदन को अस्वीकार कर दिया था। बदलते चुनावी समीकरणों में जन सुराज पार्टी के चंचल कुमार और जनशक्ति जनता दल के प्रेम कुमार को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। राघोपुर सीट पर पहले चरण में छह नवंबर को मतदान है। यह यादव बहुल क्षेत्र है। करीब 35 फीसद यादव समुदाय की आबादी है। यह समुदाय निर्णायक मतदाता हैं।
क्या नीतीश कुमार को ढो रही है बीजेपी? इस बड़े नेता ने दिया जवाब
यादव के बाद राघोपुर में दलित मतदाता करीब 18 फीसद हैं और करीब इतने ही राजपूत मतदाता भी संख्या है। राघोपुर में ब्राह्मण करीब 3 फीसद और करीब इतनी ही मुस्लिम आबादी भी है। 1998 के बाद से राघोपुर सीट पर लगभग राजद का एकछत्र दबदबा रहा है, सिवाय 2010 के विधानसभा चुनाव के, जब पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था।
यह क्षेत्र वैशाली जिले में आता है और हाजीपुर (लोकसभा) सीट का हिस्सा है, जबकि लालू परिवार का मूल निवास सारण जिले में है। 1951 से अस्तित्व में रही राघोपुर विधानसभा सीट शुरू में अपेक्षाकृत गुमनाम रही, लेकिन 1995 में लालू प्रसाद यादव के इस क्षेत्र से चुनाव लड़ने के फैसले ने इसे राजनीतिक सुर्खियों में ला दिया। इससे पहले लालू यादव दो बार सोनपुर से विधायक रहे थे।
तेजस्वी पर 6 आपराधिक मामले दर्ज
राष्ट्रीय जनता दल : राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव 36 वर्ष के हैं। शपथपत्र में तेजस्वी यादव ने उन पर 6 आपराधिक मामले होने की जानकारी दी है। इनमें आपदा प्रबंधन, लाउस्पीकर प्रयोग और सरकारी अधिकारी के आदेशों का उल्लंघन जैसे मामले हैं। एक चार्जशीट होने की जानकारी भी शपथपत्र में दी गई है।
भाजपा : भारतीय जनता पार्टी उम्मीदवार सतीश कुमार ने अपने शपथपत्र में बताया है कि वे तीन सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सक्रिय हैं और इन पर एक गाली-गलौज का एक मामला रहा है हालांकि अदालत में उनके खिलाफ कोई भी मामला दर्ज नहीं है।
