बिहार में दूसरे चरण के चुनाव प्रचार के दौरान महगठबंधन ने दूसरे चरण में नौकरी और वोट चोरी को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाया है। ये गूंज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से लेकर महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव की जनसभाओं ओर रैलियों में भी सुनने को मिली है। यह सियासी हथियार यदि कामयाब हुआ है तो इस चरण में महागठबंधन के लिए अधिक सीट पाने का रास्ता खुलता नजर आ रहा है, क्योंकि बिहार के दूसरे व अंतिम चरण के चुनाव में जबरदस्त मतदान हुआ है। इस मतदान को महागठबंधन बड़ी सफलता मान रहा है।

महागठबंधन की ओर से इस चरण में जिन मुद्दों को प्रमुखता से उठाया गया। उनमें बिहार के लिए बदलाव, बेरोजगारी, पलायन रोकना, गुंडा राज खत्म करना और पेपर लीक से आजादी जैसे मुद्दे शामिल किए थे। इस दौरान राहुल गांधी ने दावा किया था कि नीतीश कुमार भाजपा के (कंट्रोल ) नियंत्रण में है। उनका कहना था कि यह बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद ही इस स्थिति में बदलाव तय होगा।

पेपर लीक से लेकर पटना धरना तक रहा प्रमुख मुद्दा

बेरोजगारी की मुख्य वजह से भी उन्होंने भाजपा- जदयू गठबंधन को ही बताया था और कहा था कि इस वजह से युवाओं को बिहार छोड़कर देश के दूसरे राज्यों में पलायन करने को मजबूर होना पड़ा रहा है। मतदान से ठीक पर आखिरी चरण में राहुल गांधी ने ये हमला भाजपा समर्थन वाली सरकार पर किए थे। आखिरी चरण में महागबंधन के सियासी हमलों में केवल युवा- रोजगार और वोट चोरी ही नजर आ रहे थे।

राहुल गांधी ने युवाओं की बात को आगे बढ़ाते हुए यहां तक कहा था कि युवाओं ने पेपर लीक मामले को लेकर पटना में धरना तक दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री ने युवाओं से मुलाकात तक नहीं की थी। उनका कहना था कि बिहार मजदूरी नहीं सकरेगा अब बिहार रोजगार और उद्योग चलाएगा। इस सीधा संबंध युवा मतदाताओं की ओर था। कांग्रेस का तर्क था कि जहां एक तरफ कट्टा और कनपट्टी जैसी बात की जा रही है, वहीं दूसरी ओर महागठबंधन सकारात्मक मसविदे के साथ आगे बढ़ रहा है।

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बिहार चुनाव की गतिविधियां तेज होने से पहले ही कांग्रेस पार्टी मत चोरी का मामला उठा रही थी। इसका आगाज भी राहुल गांधी ने ही किया। पहले चरण में उन्होंने आंकड़ों के आधार पर मतों महाराष्ट्र की मत चोरी के मामले को उठाया और बाद में दूसरे चरण में प्रमाण के आधार पर ही मतदाताओं को सामने लाकर कांग्रेस के मत चोरी के आरोप को साबित भी करने की कोशिश की। इस चोरी के लिए राहुल गांधी ने सीधे प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और निर्वाचन आयोग पर हमले किए थे।

राहुल गांधी का दावा था कि हरियाणा में मतों को चोरी की गई थी, वहां 25 लाख फर्जी मतदाता थे, एक ही घर में पांच सौ से अधिक मतदाता था। उनका दावा था कि उत्तर प्रदेश से जाकर लोगों ने हरियाणा में मतदान किया था। एक महिला मतदाता का नाम तो सूची में दो सौ बार तक पाया गया। ये हमले दूसरे चरण प्रचार के आखिरी दिनों में सभी सभाओं में उठाया गया। इसे सीधे तौर पर बिहार के साथ- साथ देश के अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव से भी जोड़ा जा रहा है ताकि विपक्ष के हमले इस मुद्दे पर लगातार बने रहे।