बिहार विधानसभा की कुटुंबा सीट पर लगातार तीसरी जीत के लिए कांग्रेस पार्टी को हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (एचएएम एस) से सीधी टक्कर लेनी होगी। कांग्रेस पार्टी ने यहां से पार्टी के अध्यक्ष राजेश कुमार को मैदान में उतारा है। अतीत में कांग्रेस ने राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार को हराकर इस सीट पर कब्जा किया था। तब से दो बार राष्ट्रीय पार्टी जीत चुकी है।

कुटुंबा विधानसभा मूलत: अनुसूचित जाति की सीट है। इस सीट को लेकर विपक्षी गठबंधन के बीच आखिर तक मंथन चला था और इस लगातार संशय की स्थिति बनी हुई थी। अंत में लंबे मंथन के बाद यह सीट कांग्रेस पार्टी के खाते में आई थी। जबकि पांच अन्य सीट जहां पर खींचतान चल रही थी, वहां पर विपक्षी गठबंधन ने दोस्ताना रणनीति के तहत अपने उम्मीदवारों को उतारने का निर्णय लिया था।

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2008 में यह सीट बनी थी और सबसे पहला चुनाव यहां पर जनता दल (एकी) ने जीता था। इस सीट से 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस सीट बीते दो चुनाव के समीकरण बताते हैं कि यहां से लगातार कांग्रेस और हिंदुस्तान अवाम मोर्चा के बीच ही सीधी टक्कर रही है। वर्ष 2020 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने 16 हजार से अधिक वोट से जीत हासिल की थी।

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कांग्रेस पार्टी के पक्ष में 50822 वोट थे, जबकि एचएएम (एस) के पास 34 हजार से अधिक वोट थे। इस सीट पर 20 हजार से अधिक वोट एक निर्दलीय उम्मीदवार को मिले थे। वर्ष 2015 के चुनाव में कांग्रेस और एचएएम पार्टी के बीच ही सीधी टक्कर थी और तीसरे नंबर पर निर्दलीय था। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 51 हजार से अधिक और एचएएम को 41 हजार से अधिक वोट मिले थे। इस चुनाव में नौ उम्मीदवार मैदान में थे।