बिहार कई प्रगतिशील आंदोलनों का गढ़ है, लेकिन राजनीति में भाई-भतीजावाद के मामले में यह राज्य आगे है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार निवर्तमान 243 सदस्यीय विधानसभा में वंशवादी नेताओं का दबदबा है। 243 सदस्यीय विधानसभा में वंशवादी नेताओं की संख्या 70 या 28.81 प्रतिशत है, जो कुल संख्या का एक-चौथाई से भी ज़्यादा है।

आरजेडी के 42 फीसदी विधायक वंशवादी

लालू प्रसाद यादव की पार्टी आरजेडी के 71 में से 30 विधायक वंशवादी हैं यानि आरजेडी के कुल 42.25% विधायक वंशवादी हैं। वहीं जदयू के पास 44 विधायक हैं, जिसमे से 16 वंशवादी हैं यानी जदयू के 36.36% विधायक वंशवादी हैं। भाजपा के पास 80 में से 17 विधायक यानि 21.25% विधायक वंशवादी हैं। निवर्तमान विधानसभा में कांग्रेस के 17 विधायकों में से चार वंशवादी विधायक हैं।

नीतीश कुमार सहित बिहार के 23 मुख्यमंत्रियों में से कम से कम सात की विरासत निवर्तमान विधानसभा में उनके परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों द्वारा आगे बढ़ाई गई है। इनमें लालू प्रसाद-राबड़ी देवी के बेटे, तेजस्वी यादव (नेता प्रतिपक्ष, पूर्व उपमुख्यमंत्री) और तेज प्रताप यादव (पूर्व मंत्री) और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी शामिल हैं। इस सूची में भाजपा के दो मंत्री नीतीश मिश्रा और अमरेंद्र प्रताप सिंह भी शामिल हैं, जो क्रमशः पूर्व कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों जगन्नाथ मिश्रा और हरिहर सिंह के पुत्र हैं।

बिहार चुनाव: पिछले 35 साल में कितने मुस्लिम विधायक बने, जानिए आबादी के अनुपात में कितनी रही भागीदारी

जदयू-भाजपा सरकार के वंशवादी नेता

निवर्तमान विधानसभा के वंशवाद की सूची में जदयू-भाजपा राज्य सरकार के सात अन्य मंत्री हैं। इनमे विजय कुमार चौधरी (जदयू), नितिन नवीन (भाजपा), महेश्वर हजारी (जदयू), शीला कुमारी (जदयू), सुमित कुमार सिंह (जदयू), सुनील कुमार (जदयू) और जयंत राज (जदयू) शामिल हैं। इन नेताओं में करीब 57 विधायक दूसरी पीढ़ी के हैं और तीन विधायक तीसरी पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

तीसरी पीढ़ी के वंशवादी नेता भी विधानसभा में हैं। जदयू के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह के पिता और दादा विधायक और मंत्री थे। सुदर्शन कुमार जदयू के विधायक हैं और उनके माता-पिता और दादा विधायक थे। आरजेडी के यूसुफ सलाहुद्दीन के पिता महबूब अली कैसर सांसद थे और दादा चौधरी सलाहुद्दीन मंत्री थे। सिर्फ़ विधानसभा ही नहीं विधान परिषद में भी वंशवाद का बोलबाला है, जहां राबड़ी देवी सहित कुल 12 प्रतिनिधि हैं।

सम्राट चौधरी के पिता भी बड़े नेता

उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता सम्राट चौधरी, शकुनि चौधरी के पुत्र हैं, जो समता पार्टी के संस्थापकों में से एक थे। हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष कुमार सुमन मंत्री हैं। अन्य विधायकों में पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के पुत्र राजवर्धन आजाद और जदयू के मंत्री अशोक चौधरी शामिल हैं, जो पूर्व मंत्री महावीर चौधरी के पुत्र हैं।