बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 6 नवंबर को वोटिंग होगी। पहले चरण में कुल 1,314 उम्मीदवार मैदान में हैं और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने 1,303 के शपथ पत्रों की जांच की। रिपोर्ट से पता चलता है कि बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में लगभग 32% उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इनमे से 27% पर हत्या और महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसे गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

32% उम्मीदवारों के खिलाफ मामले दर्ज

एडीआर और बिहार इलेक्शन वॉच द्वारा किए गए विश्लेषण में बिहार चुनाव के पहले चरण में चुनाव लड़ रहे 1,303 में से 423 (32%) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। जबकि 354 (27%) उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

33 उम्मीदवारों पर हत्या से संबंधित मामले दर्ज हैं और 86 उम्मीदवारों ने हत्या के प्रयास के मामले घोषित किए हैं। कुल 42 उम्मीदवारों ने महिलाओं के विरुद्ध अपराधों से संबंधित मामले घोषित किए हैं, जिनमें से दो उम्मीदवारों ने बलात्कार से संबंधित मामले घोषित किए हैं।

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जहां तक ​​राजनीतिक दलों का संबंध है, सीपीआई (माले) में आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों की संख्या सबसे अधिक (93%) है। उसके बाद राजद (76%) और फिर भाजपा (65%) का नंबर आता है।

किस दल में कितने दागी उम्मीदवार?

प्रमुख दलों में जन सुराज पार्टी के 114 उम्मीदवारों में से 50 (44%), बसपा के 89 उम्मीदवारों में से 18 (20%), राजद के 70 उम्मीदवारों में से 53 (76%), जेडीयू के 57 उम्मीदवारों में से 22 (39%), भाजपा के 48 उम्मीदवारों में से 31 (65%), आप के 44 उम्मीदवारों में से 12 (27%), कांग्रेस के 23 उम्मीदवारों में से 15 (65%), सीपीआई(एमएल)(एल) के 14 उम्मीदवारों में से 13 (93%), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के 13 उम्मीदवारों में से 7 (54%), सीपीआई के 5 उम्मीदवारों में से 5 (100%) और सीपीआई(एम) के 3 उम्मीदवारों में से 3 (100%) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।