इस बार बिहार विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पूरी कोशिश करनी पड़ रही है कि वो यह जता सके कि पार्टी नीतीश कुमार के साथ गठबंधन में चुनावी मैदान मे ताल ठोक रही है। दरअसल लोकजन शक्ति पार्टी केंद्र में एनडीए गठबंधन का हिस्सा जरुर है लेकिन बिहार में एलजेपी ने नीतीश के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर रखा है और बीजेपी को समर्थन देने की बात कही है।
दिलचस्प बात यह है कि कई राजनीतिक विश्लेषक अब यह भी कयास लगा रहे हैं कि एलजेपी और आरजेडी एक साथ आ सकते हैं। दरअसल चुनाव से पहले तेजस्वी और चिराग पासवान एक-दूसरे पर सीधा हमला करने से बच रहे हैं। यहां तक कि चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान के निधन पर राजद नेता तेजस्वी यादव ने दुख भी व्यक्त किया था। तेजस्वी यादव ने सोमवार को चुनाव सभा के दौरान कहा कि ‘चिराग पासवान को इस वक्त अपने पिता की सबसे ज्यादा जरुरत थी…हम सभी दुखी है कि रामविलास पासवान हमारे बीच नहीं रहे…जिस तरह से नीतीश कुमार ने चिराग पासवान के साथ व्यवहार किया वो चिराग के साथ एक अन्याय की तरह है।’
आपको बता दें कि जब रामविलास पासवान का पार्थिव शरीर पटना एयरपोर्ट पर पहुंचा था तब राज्य के तमाम वरिष्ठ नेताओं से पहले तेजस्वी यादव वहां पहुंचे थे। चिराग पासवान भी अपनी तरफ से इस चुनाव में अब तक सीधे तौर पर तेजस्वी पर हमला करने से बचते रहे हैं। हाल ही में ‘The Indian Express’ को दिये गये एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि ‘विपक्ष का नेता होने के नाते तेजस्वी अपना काम कर रहे हैं और उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लेना चाहिए।’
बिहार की राजनीतिक तस्वीर इस बार भी काफी बदली नजर आ रही है। इस तस्वीर में एलजेपी को बीजेपी की बी-टीम बताने की कोशिश की जा रही है। अब बीजेपी इस तस्वीर से बचना चाहती है। बीजेपी के शीर्ष नेता जिसमें गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव कई बार कह चुके हैं कि राज्य में नीतीश कुमार ही एनडीए के पसंदीदा चेहरे हैं।
सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी एक साथ रैली कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि 23 अक्टूबर को पीएम नरेंद्र मोदी औऱ राज्य के सीएम नीतीश कुमार एक साथ चुनावी रैली कर सकते हैं। पार्टी का कहना है कि पीएम-सीएम की इस रैली से साफ है कि दोनों पार्टियों के बीच कोई ऊहोपोह की स्थिति नहीं है।