बिहार विधानसभा चुनाव से एक महीना पहले एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की मुलाकात के बाद माना जा रहा था कि पासवान की पार्टी एनडीए में बनी रहेगी। मगर एलजेपी के प्रधान महासचिव शाहनवाज अहमद कैफी के ताजा बयान से बात कुछ और ही नजर आती है। एलजेपी नेता कैफी ने मंगलवार (29 सितंबर, 2020) को कहा मीडिया में एलजेपी के 27 सीटों पर चुनाव लड़ने की खबरें आईं। इसपर हमने पूरी रात पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं से बात की।

उन्होंने कहा कि पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं की भावना हैं कि एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान को 143 सीटों पर निश्चित रूप से चुनाव लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘बिहार के पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को व्यक्त करते हुए हम अनुरोध करते हैं कि 143 सीटों पर चुनाव लड़ने का जो फैसला है, उस पर हमें आगे बढ़ना चाहिए।’ पूछने पर कि एलजेपी क्या जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार की परवाह नहीं करती है? कैफी ने कहा कि हम अपनी पार्टी, संगठन, नेता और बिहार की अवाम की परवाह करते हैं।

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उन्होंने कहा, ‘हमें इससे कोई मतलब नहीं। एलजेपी को 143 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।’ एक रिपोर्टर के पूछने कि भाजपा के ऑफर पर एलजेपी क्या कहेगी? प्रधान महासचिव ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं ने पहली नजर में इसे नकार दिया है। कार्यकर्ताओं की मांग है कि एलजेपी बिहार में 143 सीटों पर चुनाव लड़े। उन्होंने कहा कि राज्य के सीएम नीतीश कुमार को पार्टी नेताओं और अवाम की कोई चिंता नहीं है।

उल्लेखनीय है कि सोमवार (28 सितंबर, 2020) को चिराग पासवान और जेपी नड्डा की दिल्ली में मुलाकात हुई थी। मीटिंग के बाद एलजेपी के एनडीए में रहने की बात पक्की मानी जा रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि भाजपा ने पासवान को सीटों को जो ऑफर दिया उसपर उन्होंने संतोष जताया। भाजपा ने एलजेपी को एनडीए में विधानसभा की 27, विधान परिषद की दो सीटें और राज्‍य सभा की एक सीट देने की ऑफर दिया।

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