बिहार चुनाव में विरासत की राजनीति एक बार फिर से सर चढ़ कर बोल रही है। क्या एनडीए और क्या महागठबंधन, जहां देखो वहीं विरासत वाले प्रत्याशी नजर आ जा रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने अपनी ही पार्टी के एमएलसी की बेटी को टिकट दिया है। मुजफ्फरपुर की गायघाट विधानसभा सीट से कोमल सिंह को जदयू ने उम्मीदवार बनाया है। हालांकि कोमल सिंह का ये पहला चुनाव नहीं है। तो आइए जानते हैं कोमल सिंह और उनके माता-पिता के बारे में.

साल था 2020, विधानसभा के चुनाव चल रहे थे। एक तरफ जहां महागठबंधन चुनाव लड़ रही थी तो दूसरी ओर एनडीए चुनावी मैदान में थी। हालांकि केंद्र में मोदी सरकार की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी को उस समय बिहार चुनाव के दौरान एनडीए में जगह नहीं मिली। ऐसे में कोमल सिंह पर चिराग पासवान ने दाव लगाया और उन्हें मुजफ्फरपुर की गायघाट सीट से उम्मीदवार बना दिया। इस चुनाव के दौरान चिराग पासवान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर खूब हमलावर नजर आए। जिसका परिणाम ये हुआ कि कोमल सिंह के प्रचार में उनके ही पिता और जेडीयू कोटे से एमएलसी दिनेश प्रताप सिंह वोट मांगते कहीं नजर नहीं आए।

वैशाली सांसद वीणा देवी की बेटी हैं कोमल

कोमल की मां और चिराग पासवान की पार्टी की वैशाली से सांसद वीणा देवी बढ़ चढ़कर बेटी के लिए प्रचार कर रही थीं। लेकिन जब चुनाव परिणाम आया तो उनके हिस्से हार मिली। उनको तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। हालांकि फिर भी कोमल सिंह को 36 हजार से ज्यादा वोट मिले थे।

एक बार के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए में चिराग पासवान और जेडीयू एक साथ चुनावी मैदान में हैं। ऐसे में कोमल की पिछले चुनाव की अपेक्षा आसान नजर आ रही है।

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कोमल की पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय पूरी की है तो वहीं एमबीए उन्होंने पुणे के सिम्बायोसिस कॉलेज से पूर्ण किया है। एमबीए करने बाद कोमल टाटा कंपनी में नौकरी करने लगीं। हालांकि साल 2020 के चुनाव के ठीक पहले वो नौकरी छोड़ राजनीति में एंट्री लेने मुजफ्फरपुर पहुंच गईं। 2020 के आंकड़े के अनुसार उनके पास कुल आठ करोड़ की संपत्ति थी।