बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए और राजद के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। राजद ने जहां बुधवार को प्रदेश में बेरोजगारी के खिलाफ 9 बजे 9 मिनट के लिए लालटेन जलाया। वहीं, सीएम भी राजद नेता पर तंज कसने से नहीं चूके।
एक कार्यक्रम के दौरान सीएम ने खुद को भार बताए जाने वाले बयान को लेकर तेजस्वी यादव पर निशाना साधा। नीतीश ने कहा कि हम लोग काम कर रहे हैं इसलिए बिहार का भार हैं और आप दफ्तर में बैठे हैं तो बिहार के लोगों को कोई चिंता नहीं है। आप अंदर बैठकर लोगों का उद्धार करेंगे। ये बात समझ के परे है। सीएम ने कहा कि हमें लोगों ने काम करने का मौका दिया है हमने काम किया है। सीएम ने कहा कि जब तक मौका मिलेगा हम लोग सेवा करेंगे।
सीएम नीतीश ने कहा कि हम लोगों ने शुरू से ही कह दिया है कि सेवा ही हमारा धर्म है। उन्होंने कहा कि हम लोग काम करते हैं आपको जो कुछ भी बोलना है बोलते रहिए। उन्होंने तेजस्वी की भाषा पर भी सवाल उठाया है। साथ ही सीएम ने कहा कि मुझे इस तरह की चीजों से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि हम लोग तो मिलकर काम करते हैं।
उन्होंने कहा कि हमें समाज में सब लोगों को एक करना है, समाज के हर तबके को जोड़ना है। हमने इसी प्रकार से काम किया है। इससे पहले सोमवार को चुनाव प्रचार अभियान के शुरुआत में भी सीएम नीतीश ने अपने 15 साल के शासन बनाम लालू-राबड़ी की डेढ़ दशक की सरकार की तुलना की।
सीएम ने जदयू नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं से मतदाताओं, खासतौर पर नयी पीढ़ी तक पहुंचने और राजग तथा राजद के शासन के बीच अंतर बताने को कहा। नीतीश ने राज्य विधानसभा चुनाव में मुख्य प्रतिद्वंद्वी राजद के खिलाफ ‘पति-पत्नी की सरकार’ जैसे जुमलों से हमला किया, वहीं राजग के एक अन्य सहयोगी दल रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी को लेकर कुछ भी नहीं बोला।
हालांकि, लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान लगातार उनकी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। दूसरी तरफ नीतीश कुमार पर पलटवार करते हुए तेजस्वी यादव ने मंगलवार को कहा था कि जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के अध्यक्ष की पार्टी अपने बलबूते चुनाव में उतरती है तो उनका ‘प्रभावी चेहरा’ उन्हें दहाई अंक में भी सीट नहीं दिला सकता।