बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। बिहार में दो चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे। पहले चरण के लिए 6 नवंबर को वोट डाले जाएंगे जबकि दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को वोटिंग होगी। वहीं 14 नवंबर को बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे। बिहार में ऐसे कई चर्चित चेहरे हैं, जिनका भाग्य 6 या फिर 11 नवंबर को तय होगा।

नीतीश कुमार

नीतीश कुमार वैसे तो विधान परिषद से सदस्य हैं और दशकों से उन्होंने विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा है। पिछली बार वह हरनौत विधानसभा सीट से विधायक बने थे, जो नालंदा जिले में पड़ती है। हरनौत विधानसभा में 6 नवंबर यानि पहले चरण में वोटिंग होगी। यहां पर नीतीश कुमार की प्रतिष्ठा दांव पर रहती है।

सम्राट चौधरी

सम्राट चौधरी अभी बिहार के उपमुख्यमंत्री हैं और विधान परिषद के सदस्य हैं। पिछले कई चुनाव से वह विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। वह परबत्ता विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत चुके हैं। इस विधानसभा सीट पर पहले चरण में यानी की 6 नवंबर को वोटिंग होगी। ऐसे में सम्राट चौधरी चुनाव लड़े या न लड़े, लेकिन यहां पर उनकी प्रतिष्ठा जरूर दांव पर लगी होगी।

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तेजस्वी यादव

तेजस्वी यादव बिहार की राघोपुर विधानसभा सीट से विधायक हैं। इस बार भी वह राघोपुर से ही विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। राघोपुर में पहले चरण यानी की 6 नवंबर को मतदान होना है।

तेज प्रताप यादव

तेज प्रताप यादव वर्तमान में हसनपुर से विधायक हैं। इस बार वह महुआ से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। तेज प्रताप पहले भी महुआ से विधायक रह चुके हैं। महुआ में पहले चरण में मतदान होना है। ऐसे में 6 नवंबर को ही तेज प्रताप का भी भाग्य तय होगा।

विजय कुमार सिन्हा

बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा लखीसराय से विधायक हैं। लखीसराय में भी पहले ही चरण में वोटिंग होगी। ऐसे में विजय सिन्हा का भाग्य भी 6 नवंबर को तय होगा।

अशोक चौधरी

अशोक चौधरी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं और उनकी सरकारी मंत्री हैं। अशोक चौधरी बरबीघा विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। हालांकि वर्तमान में पिछले 10 साल से विधान परिषद के सदस्य हैं। बरबीघा में पहले चरण यानी 6 नवंबर को वोटिंग होगी और अशोक चौधरी की भी प्रतिष्ठा दांव पर होगी।

अनंत सिंह

अनंत बिहार के चर्चित नेताओं में माने जाते हैं। वह बिहार के बाहुबली विधायक हैं और मोकामा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने राजद के टिकट पर मोकामा से जीत हासिल की थी। हालांकि उसके बाद उन्हें सजा हुई और उनकी विधायकी चली गई। उसके बाद उनकी पत्नी को राजद ने टिकट दिया और वह विधायक बन गई। हालांकि अब अनंत सिंह जदयू में आ चुके हैं। मोकामा में पहले चरण यानी की 6 नवंबर को वोटिंग होगी और अनंत सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर होगी।

मंगल पांडे

मंगल पांडे भाजपा के वरिष्ठ नेता माने जाते हैं और नीतीश सरकार में मंत्री हैं। वर्तमान में वह विधान परिषद सदस्य हैं और विधानसभा का चुनाव कभी नहीं लड़ा है। हालांकि उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत सिवान से की थी। सिवान विधानसभा सीट पर वोटिंग पहले चरण यानी की 6 नवंबर को है। ऐसे में मंगल पांडे की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी होगी।

प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर वैसे तो चुनावी रणनीतिकार रहे हैं लेकिन पिछले 2 साल से बिहार के कोने-कोने में घूम रहे हैं। उन्होंने अपने दल जन सुराज का गठन किया है और उनकी पार्टी चुनाव लड़ रही है। प्रशांत किशोर वैसे तो सासाराम के रहने वाले हैं लेकिन वह कह चुके हैं कि उनकी पार्टी के लोग चाहते हैं वह राघोपुर से चुनाव लड़े। अगर प्रशांत किशोर राघोपुर से चुनाव लड़ते हैं तो पहले चरण यानी 6 नवंबर को उनकी भाग्य का फैसला होगा। वहीं अगर सासाराम से लड़ते हैं तो 11 नवंबर को उनकी किस्मत का फैसला होगा।

अब्दुल बारी सिद्दीकी

अब्दुल बारी सिद्दीकी का नाम राजद के दिग्गज नेताओं में होता है और वह लालू प्रसाद यादव के काफी करीबी माने जाते हैं। अब्दुल बारी सिद्दीकी अभी विधान परिषद के सदस्य हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में अब्दुल बारी सिद्दीकी ने केवटी से ताल ठोकी थी लेकिन हार गए थे। इससे पहले अब्दुल बारी सिद्दीकी दरभंगा जिले की ही अलीनगर विधानसभा सीट से दो बार विधायक रह चुके हैं। केवटी में पहले चरण यानी 6 नवंबर को मतदान होना है। अगर अब्दुल बारी सिद्दीकी लड़ते हैं तो उनकी किस्मत का फैसला भी 6 नवंबर को होगा।