Bihar Elections 2020 से पहले राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है। सोमवार को कबीना मंत्री विनोद सिंह नहीं रहे। दिल्ली के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वह गंभीर रूप से बीमार थे। उन्हें बीते जून माह में COVID-19 संक्रमण हुआ था। इसके बाद ब्रेन स्ट्रोक के चलते वह कोमा में चले गए थे। ब्रेन हैमरेज की वजह से उनकी जान गई है।
विनोद सिंह, कटिहार के प्राणपुर से विधायक थे। साथ ही सूबे की जेडीयू और बीजेपी की गठबंधन सरकार में अति पिछड़ा कल्याण मंत्री थे। कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उनका कटिहार के एक अस्पताल में इलाज चल रहा था। इस दौरान में इलाज के लिए उन्हें दिल्ली लाया गया था, तब वह कोमा में चले गए थे। वह इससे पहले जून में कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए थे। हालांकि, संक्रमण से मुक्त होने के बाद उन्हें ब्रेन हैमरेज की दिक्कत हुई। उनकी बीमारी के कारण पत्नी निशा सिंह को प्राणपुर से कैंडिडेट बनाया गया है। सिंह ने दिल्ली के मेदांता अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली।
उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ। इसकी वजह से उन्हें कटिहार से पटना के रुबन अस्पताल में भर्ती कराया गया। पटना में इलाज के दौरान वह कोमा में चले गए थे, जिसके बाद उन्हें बेहतर इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से दिल्ली के मेदांता अस्पताल ले जाया गया था।
कोमा में होने के चलते जदयू ने विनोद सिंह की पत्नी निशा सिंह को इस बार प्राणपुर से उम्मीदवार बनाया है। विनोद सिंह के निधन पर सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सुशील मोदी, पूर्व सीएम जीतनराम मांझी समेत कई नेताओं ने शोक जताया है।
विनोद सिंह कुछ साल विवादों में भी घिरे थे। दरअसल एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने मीडियाकर्मियों को दोनों हाथ उठाकर भारत माता की जय बोलने को कहा था, जिस पर कुछ मीडियाकर्मियों ने ऐसा करने से इंकार कर दिया था। जिस पर नाराजगी जाहिर करते हुए विनोद सिंह ने कहा था कि ‘क्या आप पाकिस्तान समर्थक हो।” बाद में इस मामले पर विवाद बढ़ता देख विनोद सिंह ने कहा था कि उनकी बात को गलत समझा गया और उन्होंने मीडिया से माफी भी मांग ली थी।