बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों के प्रचार प्रसार का काम पूरे जोर पर है। इन सब के बीच लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष चिराग पासवान के लिए बेहद मुश्किल स्थिति बन गई है। विधानसभा चुनाव के कारण चिराग को पितृशोक मनाने का मौका भी नहीं मिल पा रहा है।

चिराग इस दौरान में बेटे के दायित्वों को निभाने के साथ पंरपराओं का पालन करते हुए पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारियों का भी निर्वहन कर रहे हैं। हिंदू परंपरा के हिसाब से पिता की मृत्यु के बाद पुत्र को 10 से 12 निश्चित दिन तक घर से बाहर नहीं निकलना होता है। ऐसे में चिराग घर से वर्चुअल रूप से प्रत्याशियों के साथ बैठक करने से लेकर पार्टी की चुनावी रणनीति तय करने में जुटे हुए हैं। उन्होंने पार्टी उम्मीदवारों का हौंसला भी बढ़ाया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी की सारी जिम्मेदारी उनके पुत्र चिराग पासवान के कंधों पर आ गई है। एनडीए से अलग चुनाव लड़ने के साहसिक फैसले के बीच उसे सही साबित करने की चुनौती भी चिराग के सामने हैं। हाल ही में चिराग पासवान ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव लड़ने से इंकार करते हुए बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अपनी राहें जुदा कर ली थीं।

चिराग ने कहा था कि उन्हें नीतीश कुमार का नेतृत्व मंजूर नहीं है। लोजपा बिहार में 143 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है। हालांकि, उन्होंने भाजपा के प्रति अपनी पार्टी का समर्थन व्यक्त किया था। लोजपा का केंद्र में भाजपा के साथ गठबंधन है लेकिन बिहार में वह उसके खिलाफ चुनाव लड़ रही है। लोजपा ने भागलपुर में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ अपना उम्मीदवार उतारा है।

इससे पहले वैशाली के लालगंज और पूर्वी चंपारण के गोविंदगंज सीट पर भाजपा ने लोजपा उम्मीदवार के खिलाफ अपने प्रत्याशी उतारे थे। बता दें कि जदयू की आपत्ति के बाद भाजपा ने लोजपा को चेताते हुए कहा कि गठबंधन से अलग कोई पार्टी अगर पीएम मोदी के पोस्टर का इस्तेमाल करती है तो भाजपा उसके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत करेगी।

बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने हाल ही में अपने एक बयान में कहा है कि गठबंधन में सिर्फ चार पार्टियां हैं, जिनमें भाजपा, जदयू, हम और वीआईपी पार्टी शामिल हैं और इसे लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।