बिहार में महादलितों के घर जलाने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है, एक तरफ आरजेडी और कांग्रेस हमलावर है और एनडीए को डैमेज कंट्रोल करना पड़ रहा है। इस समय एनडीए का बिहार में एक नया नेरेटिव सामने आ रहा है। उस नेरेटिव के तहत सारा फोकस इस बात पर दिया जा रहा है कि जुर्म तो हुआ, लेकिन कार्रवाई भी हो गई। यानी कि अपराध को कोई नहीं रोक सकता, लेकिन बाद में क्या एक्शन लिया गया, कितनी देर में गिरफ्तारी हुई, वो ज्यादा मायने रखता है।

घर जले, राजनीति कौन कर रहा- एनडीए या आरजेडी?

जानकारी के लिए बता दें कि पूरा विवाद जमीन से जुड़ा हुआ बताया गया है। जिन लोगों के घर जलाए गए हैं, वो रविदास और मुसाहार समुदाय से ताल्लुक रखते हैं जिन्हें महादलित के अंदर ही माना जाता है। वही जिन पर घर जलाने का आरोप लगा है, वो पासवान जाति से आते हैं, यानी कि फिर एक और दलित समुदाय। अब एनडीए का तर्क है कि आरजेडी ने जानबूझकर इस मुद्दे पर राजनीति करने की कोशिश की जबकि असल में यहां जाति का कोई मामला ही नहीं है।

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नेटेटिव एनडीए का- अपराध पर फोकस क्यों करना

अब यह मायने रखता है क्योंकि इस मामले में कार्रवाई तो हुई है, आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया है। ऐसे में जेडीयू और बीजेपी दिखाना चाहती है कि नीतीश सरकार में जुर्म होने पर एक्शन होता है, पिछली सरकारों की तरह आरोपियों को संरक्षण देने का काम नहीं हो रहा। जेडीयू के नेता ने पहचान छिपाने की शर्त पर कहा कि अब अपराध को तो वैसे भी कोई नहीं रोक सकता है। लेकिन जब अपराध हो जाता है, कोई भी सरकार अलग इस बात से बनती है कि उसने कार्रवाई क्या की। इस मामले में कार्रवाई हुई है, नीतीश कुमार वैसे मुख्यमंत्री नहीं है जो किसी को छोड़ दें।

एनडीए दिख रहा एकजुट, चिराग क्या बोले?

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने भी उस मामले की निंदा की है। बड़ी बात यह है कि आरोपी उसी समुदाय से आते हैं जिससे खुद चिराग ताल्लुक रखते हैं। ऐसे में ऐसा माना जा रहा था कि उनके लिए कुछ भी बोलना मुश्किल रहेगा। लेकिन उन्होंने जिस तल्ख अंदाज में बयान दिया है, उसने एनडीए को डैमेज कंट्रोल करने में मदद दी है। चिराग ने कहा कि 21 महादलितों के जिस तरह से गुंडों ने घर जलाए हैं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है। एनडीए का हिस्सा होने के नाते, मैं सीएम से मांग करता हूं कि आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाए, सख्त सजा मिले और पीड़ितों को हर संभव आर्थिक सहायता भी मिले। मैं खुद पीड़ितों से मिलने जाऊंगा।

बिहार चुनाव पर क्या होगा असर?

अब एनडीए का हर नेता तो डिफेंड करने में लगा है, लेकिन तेजस्वी यादव ने भी अपने बयानों की बौछार कम नहीं की है। वे तो तंज कसते हुए कह रहे हैं कि क्या यही पीएम मोदी का मंगलराज है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने बहुजन शब्द पर जोर देते हुए बोल दिया है कि बिहार की यह एक खौफनाक और डराने वाली तस्वीर सामने आई है। अभी के लिए इस मामले पर राजनीति जारी है, लेकिन एनडीए का नेरेटिव भी अपनी जगह बनाता दिख रहा है। बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर इसका क्या असर रहता है, इसके लिए थोड़ा इंतजार और करना होगा।

Vikas Pathak और Santosh Singh की रिपोर्ट