बिहार की राजधानी में कौओं के मरने का सिलसिला जारी है। लोदीपुर स्थित न्यू पुलिस लाइन में दो दिनों में तीन दर्जन से अधिक कौओं की मौत से लोग सकते में है। दरअसल पिछले दिनों राजधानी के चिड़ियाघर सहित सूबे के अन्य जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। बता दें कि राजधानी पटना समेत कई जिलों में दर्जनों कौओं की मौत रहस्यमय बीमारी की चपेट में आने से मौत हो चुकी है।
कौओं के मरने की वजह से लोगों में दहशत का माहौल है। हालांकि अब तक जांच में किसी भी बीमारी की पुष्टि नहीं हो हुई है। लेकिन फिर भी बर्ड फ्लू की आशंका के चलते लोग दहशत में है। पशुपालन विभाग ने मृत कौओं के सैंपल को जांच के लिए भोपाल भेजा है। विभाग के मंत्री पशुपति प्रसाद पारस ने बताया कि रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है। पशुपालन विभाग ने सफाई निरीक्षकों को मृत कौओं को जमीन में गाड़ने का आदेश दिया है। दरअसल, पिछले दिनों पटना में चिड़ियाघर सहित सूबे के अन्य जिलों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी। जिसके बाद इस घटना से सभी सशंकित है।
गुरुवार को गया में एक साथ दो से अधिक जगहों पर एक दर्जन से अधिक कौओं की मौत से इलाके के लोग सकते में आ गए। सबसे पहले सूबे के मुंगेर, इसके बाद पटना के पुलिस लाइन मैदान, आईजीएमएस, नवादा, नालंदा बिक्रम पाली, दानापुर और गया में पांच दर्जन से अधिक कौओं की मौत हो चुकी है। मुंगेर, पटना समेत कई जगहों से बर्ड फ्लू के 33 सैंपल जांच को लिए पटना सिटी के अगमकुंआ स्थित राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान को भेजा गया था। इसमे मुंगेर से 14 और पीएमसीएच से भी 14 सैंपल भेजा गया था। इसकी जानकारी संस्थान के निदेशक प्रदीप दास ने दी।
गौरतलब है कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह से बिक्रम व अन्य जगहों पर 250 मुर्गियों की मौत ने पशुपालन विभाग में हड़कंप मचा दिया था। बरेली के इज्जतनगर स्थित आइवीआरआइ से डा. एस नंदी और डा. करिकलन एम ने जांच के बाद पटना जू को बंद करने की सिफारिश की थी। बर्ड फ्लू को देखते हुए सरकार ने पटना जू को 6जनवरी से 19 जनवरी तक बंद कर दिया था। ताकि जू के पशु पक्षियों को संक्रमण से बचाया जा सके। संक्रमण के निवारण के लिए दवाओं का छिड़काव प्रभावित एरिया में किया जा रहा है।

