बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद किए जाने के फैसले को लेकर एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि मैं नोटबंदी के पूरे समर्थन में हूं। कुमार ने कहा, ‘मैं इसका हिमायती हूं। दो नंबर का जाली नोट अपने आप इससे समाप्त हो जाएगा। बेनामी संपत्ति रखने वाले लोगों पर भी केंद्र सरकार को जल्द से जल्द हमला करना चाहिए।’ बता दें, नीतीश कुमार ने पहले भी इस फैसले को लेकर पीएम मोदी की तारीफ की थी। उन्होंने कहा था, ‘हम मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने की इस पहल की प्रशंसा करते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करने का ऐलान आठ नवंबर को किया था। पीएम मोदी ने कहा था कि इस कदम से देश में कालेधन और भ्रष्टाचार पर लगाम लगने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही लोगों को 31 दिसंबर तक अपने पुराने नोट बदलने या जमा कराने का वक्त दिया था।
नीतीश कुमार जहां पीएम मोदी की तारीफ कर रहे हैं, वहीं दूसरी विपक्षी दल पीएम मोदी पर इस फैसले को लेकर निशाना साध रहे हैं। इनमें बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती और कांग्रेस पार्टी शामिल हैं।
Benaami sampatti hain logon ki iss par bhi nazar rakhiye, us par bhi humla kendra sarkaar ko jaldi se jaldi karna chahiye: Bihar CM pic.twitter.com/n0izMdhD2l
— ANI (@ANI) November 16, 2016
संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद में विपक्षी पार्टियों ने नोटबंदी के मसले पर केंद्र सरकार को घेरा। राज्यसभा में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने चर्चा की शुरुआत करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर तीखे प्रहार किए। इसके बाद बारी बसपा सुप्रीमो मायावती की आई। उन्होंने राज्यसभा में कहा कि ”मैं राज्यसभा में बड़ी देर से जेटली जी को देख रही हूं और वे बहुत ‘दुखी’ नजर आ रहे हैं।’ मायावती ने नोटबंदी पर चर्चा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी को भी सदन में बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘यह संवेदशनील मुद्दा है, हम चाहते हैं कि पीएम राज्यसभा आएं और चर्चा में हिस्सा लें।’ मायावती ने फैसला लागू करने की सरकार की तैयारियों पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, ‘पीएम ने कहा कि सरकार पिछले 10 महीने से विमुद्रीकरण की तैयारी कर रही थी, इतना वक्त काफी होता है, हालात अभी भी काबू में नहीं हैं। असल बात ये है कि इन 10 महीनों में भाजपा के नेताओं और उद्योगपतियों ने अपना काला धन ठिकाने लगा दिया।’

