Bihar Assembly Election 2025: कैमूर जिले की चैनपुर विधानसभा सीट भौगोलिक और राजनीतिक दोनों लिहाज से बेहद खास मानी जाती है। उत्तर प्रदेश की सीमा से सटी होने के कारण यहां का राजनीतिक माहौल हमेशा थोड़ा अलग रहा है। पहाड़ी इलाकों वाले कई गांव और अधौरा प्रखंड इस क्षेत्र में आते हैं, जिसकी वजह से यहां की सामाजिक बनावट और चुनावी समीकरण दोनों दिलचस्प हो जाते हैं।
इस सीट का इतिहास बताता है कि यहां किसी एक दल का दबदबा लंबे समय तक नहीं टिक पाया। कभी कांग्रेस ने मजबूती दिखाई, तो बाद में राजद और बसपा ने भी तीन-तीन बार जीत हासिल कर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। यहां तक कि जनसंघ और जनता पार्टी भी इस सीट पर जीत का स्वाद चख चुकी हैं। यही कारण है कि आज भी सभी बड़ी पार्टियां चैनपुर को ‘लकी सीट’ मानकर अपने कब्जे में करने की कोशिश में जुटी रहती हैं।
कैमूर जिले की चार विधानसभा सीटों में चैनपुर सबसे भाग्यशाली कही जाती है। अब तक यहां से चार विधायक मंत्री पद तक पहुंच चुके हैं। इनमें लाल मुनी चौबे, महाबली सिंह, बृज किशोर बिंद और मोहम्मद जमां खां शामिल हैं। बाकी तीन सीटों – रामगढ़, मोहनियां और भभुआ – की तुलना में चैनपुर की यह उपलब्धि इसे अलग पहचान देती है। दिलचस्प बात यह है कि भभुआ से अब तक कोई भी विधायक मंत्री नहीं बन सका है।
2020 के विधानसभा चुनाव की स्थिति
क्रम संख्या | उम्मीदवार | पार्टी | वोट |
1 | मोहम्मद जमा खान | बहुजन समाज पार्टी | 95245 |
2 | बृज किशोर बिंद | भारतीय जनता पार्टी | 70951 |
3 | नीरज पांडेय | निर्दलीय | 13119 |
बीते विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बड़ा उलटफेर हुआ। उस समय राजग के उम्मीदवार और तत्कालीन मंत्री बृज किशोर बिंद को बसपा प्रत्याशी मोहम्मद जमां खां ने पराजित कर दिया। जीत के बाद जमां खां जदयू में शामिल हो गए और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री बने। इससे पहले बृज किशोर बिंद लगातार इस सीट से जीत दर्ज करते रहे थे।
2015 के विधानसभा चुनाव की स्थिति
क्रम संख्या | उम्मीदवार | पार्टी | वोट |
1 | बृज किशोर बिंद | भारतीय जनता पार्टी | 58913 |
2 | मोहम्मद जमा खान | बहुजन समाज पार्टी | 58242 |
3 | महाबली सिंह | जनता दल (यू) | 30287 |
चैनपुर की चुनावी दौड़ में इस बार भी कई दावेदार अपनी किस्मत आजमाने को तैयार हैं। राजग खेमे में टिकट बंटवारे को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। यह सीट पहले भाजपा के खाते में रही है, जिस पर स्वर्गीय लाल मुनी चौबे और बाद में बृज किशोर बिंद का दबदबा रहा। लेकिन अब मौजूदा विधायक जमां खां जदयू में होने की वजह से संभावना यही है कि यह सीट फिर से जदयू के हिस्से में जाए। ऐसे हालात में बृज किशोर बिंद की दावेदारी पर संकट खड़ा हो सकता है।
2010 के विधानसभा चुनाव की स्थिति
क्रम संख्या | उम्मीदवार | पार्टी | वोट |
1 | बृज किशोर बिंद | भारतीय जनता पार्टी | 46510 |
2 | डॉ. अजय आलोक | बहुजन समाज पार्टी | 32930 |
3 | मोहम्मद जमा खान | कांग्रेस | 19552 |
चैनपुर के मतदाताओं का इतिहास बताता है कि वे भरोसेमंद उम्मीदवारों को लगातार मौका देते रहे हैं। उदाहरण के तौर पर 1972 से 1980 तक लाल मुनी चौबे, 1995 से 2005 तक महाबली सिंह और 2009 उपचुनाव से लेकर 2015 तक बृज किशोर बिंद ने लगातार जीत दर्ज की। यहां की जनता का यही भरोसा इस सीट को बार-बार सुर्खियों में रखता है।