बायसी (Baisi) प्रखंड-स्तरीय कस्बा बिहार के पूर्णिया जिले में स्थित है और किशनगंज लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। यह विधानसभा क्षेत्र बायसी और डगरुआ प्रखंडों से मिलकर बना है और पूरी तरह ग्रामीण है, यानी यहां कोई शहरी मतदाता नहीं है। सीमांचल के पश्चिम बंगाल सीमा के करीब स्थित बायसी, जिला मुख्यालय पूर्णिया से करीब 35 किलोमीटर उत्तर-पूर्व और राज्य की राजधानी पटना से लगभग 340 किलोमीटर दूर है। आसपास के कस्बों में अररिया (40 किमी उत्तर-पश्चिम), किशनगंज (50 किमी उत्तर), कटिहार (60 किमी दक्षिण) और पश्चिम बंगाल का डालखोला (55 किमी पूर्व) शामिल हैं। सड़क संपर्क औसत स्तर का है, जबकि रेल सुविधा डगरुआ और पूर्णिया से उपलब्ध है।
बायसी विधानसभा सीट 1951 में बनी थी, लेकिन 1967 से 1977 तक यह अस्तित्व में नहीं रही। अब तक यहां 15 चुनाव हो चुके हैं, जिनमें 2014 का उपचुनाव भी शामिल है। 1952 से 1962 तक तीन बार और 1977 के बाद दस बार चुनाव हुए। राजनीतिक रूप से यहां विविधता रही है – कांग्रेस और राजद ने चार-चार बार जीत दर्ज की है, स्वतंत्र उम्मीदवारों ने दो बार, जबकि प्रजा सोशलिस्ट पार्टी, लोक दल, जनता दल, भाजपा और एआईएमआईएम ने एक-एक बार जीत हासिल की। केवल 2010 में भाजपा के संतोष कुशवाहा जीते, बाकी सभी विधायक मुस्लिम समुदाय से रहे हैं।
2020 के विधानसभा चुनाव की स्थिति
क्रम संख्या | उम्मीदवार | पार्टी | वोट |
1 | सैयद रुकनुद्दीन अहमद | एआईएमआईएम | 68416 |
2 | विनोद कुमार | बीजेपी | 52043 |
3 | अब्दुस सुभान | आरजेडी | 38254 |
2020 के चुनाव में एआईएमआईएम के सैयद रुकनुद्दीन अहमद ने भाजपा के विनोद कुमार को 16,373 वोटों से हराया। हालांकि बाद में उन्होंने तीन अन्य एआईएमआईएम विधायकों के साथ राजद का दामन थाम लिया। बावजूद इसके, एआईएमआईएम का संगठनात्मक नेटवर्क इस क्षेत्र में मजबूत बना हुआ है।
2015 के विधानसभा चुनाव की स्थिति
क्रम संख्या | उम्मीदवार | पार्टी | वोट |
1 | अब्दुस सुभान | आरजेडी | 67022 |
2 | बिनोद कुमार | निर्दलीय | 28282 |
3 | सैयद रुकनुद्दीन अहमद | जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) | 21404 |
2020 में बायसी सीट पर कुल पंजीकृत मतदाता 2,73,378 थे, जिनमें 1,76,013 मुस्लिम (64.30%), 19,572 अनुसूचित जाति (7.15%) और 4,818 अनुसूचित जनजाति (1.76%) मतदाता शामिल थे। 2024 तक यह संख्या बढ़कर 2,89,010 हो गई। रोजगार की तलाश में युवाओं का पलायन आम है। चुनाव आयोग के अनुसार, 2020 में पंजीकृत 1,542 मतदाता 2024 तक पलायन कर चुके थे। 2020 में मतदान प्रतिशत 65.35% रहा।
2010 के विधानसभा चुनाव की स्थिति
क्रम संख्या | उम्मीदवार | पार्टी | वोट |
1 | संतोष कुशवाहा | बीजेपी | 39939 |
2 | नसर अहमद | कांग्रेस | 30689 |
3 | अब्दुस सुभान | आरजेडी | 27263 |
कृषि यहां की रीढ़ है। धान प्रमुख फसल है, इसके अलावा गेहूं, मक्का, दलहन, सरसों, जूट और मौसमी सब्जियां जैसे बैंगन, भिंडी, टमाटर और लौकी उगाई जाती हैं। निचले इलाकों में जूट किसानों के लिए नगद आय का मुख्य साधन है।
2024 के लोकसभा चुनाव में बायसी क्षेत्र में कांग्रेस को 28,615 वोटों की बढ़त मिली। 2014 से ही राजद या उसके सहयोगियों को लगातार बढ़त मिलती रही है। लेकिन 2025 का चुनाव नए समीकरण लेकर आ सकता है। चुनाव आयोग की विशेष पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के तहत कथित बांग्लादेशी घुसपैठियों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। साथ ही, मुस्लिम वोटों का बंटवारा राजद और एआईएमआईएम के बीच होने की संभावना है। ऐसे में भाजपा-एनडीए के लिए भी मौके बन सकते हैं, हालांकि यह सीट अब भी उनके लिए चुनौतीपूर्ण मानी जा रही है।