Bihar Cabinet: बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार लगातार जांच के घेरे में है। कानून मंत्री कार्तिकेय सिंह के बाद कृषि मंत्री सुधाकर सिंह भी विवादों में आ गए हैं। सिंह पर 2013 में करोड़ों रुपये के चावल घोटाले का आरोप है। दूसरी ओर, उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का स्पष्ट रूप से खंडन किया है। सुधाकर सिंह राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे हैं, जो राजद के एक वरिष्ठ नेता हैं। वह बक्सर की रामगढ़ सीट से विधायक हैं।
नीतीश कुमार के कार्यकाल के दौरान उन पर 2013 में चावल घोटाले का आरोप लगा था। उनके खिलाफ रामगढ़ थाने में मामला दर्ज कराया गया था। आरोप के मुताबिक, सुधाकर सिंह की राइस मिल का सरकार के साथ राइस प्रोसेसिंग एग्रीमेंट था। उन्होंने सरकार द्वारा प्रदान किए गए चावल को चुरा लिया। इस घोटाले में 80 से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गईं और कई लोगों को गिरफ्तार किया गया।
आरोप झूठा, फैसला अदालत करेगी: कृषि मंत्री
कृषि मंत्री सिंह ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है। गुरुवार को उन्होंने कहा था कि यह आरोप झूठा है और मामले का फैसला अदालत करेगी। अब तक सुनवाई हमारे अनुकूल रही है। अदालत ने फैसला सुनाया कि चावल मिलों को प्रसंस्करण के लिए मिले चावल को वापस करना सरकार की जिम्मेदारी है। सरकार की गलती है कि चावल वापस नहीं किया गया।
कृषि मंत्री ने कहा कि जिस समय यह मामला दर्ज हुआ, उस समय बिहार में भाजपा की गठबंधन सरकार थी। बीजेपी के लोग बिना पेपर देखे ही हंगामा कर रहे हैं। यह मामले भाजपा समर्थित सरकार के हैं।
चावल घोटाले में सुधाकर सिंह के अलाबा 68 और आरोपी
चावल घोटाले में सुधाकर सिंह के अलावा 68 और आरोपी हैं। वहीं, इस मामले में कई आरोपितों ने अब तक बकाया राशि वापस नहीं की है, जिसमें एक वर्तमान कृषि मंत्री सुधाकर सिंह का भी नाम है। चावल घोटाले में नीतीश कुमार ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया था। ऐसे में सुधाकर सिंह के कृषि मंत्री बनने के बाद नीतीश सरकार पर सवाल उठ रहे हैं।