डीएम जी कृष्णय्या (Gopalganj District Magistrate G Krishnaiah) की हत्या के दोषी बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई की वजह से बिहार सरकार पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। आनंद मोहन की गुरुवार सुबह जेल से रिहाई हो गई। आनंद मोहन 16 साल जेल में बिताने के बाद गुरुवार को रिहा कर दिया गया। उन्हें डीएम जी कृष्णय्या की हत्या के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी।

आनंद मोहन के जेल से बाहर आने के बाद उनके बेटे चेतन आनंद ने बड़ा बयान दिया है। बाहुबली आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद ने गुरुवार दोपहर मीडिया से बाचतीत में कहा कि अगर इजाजत मिली तो वह डीएम जी कृष्णय्या के परिवार से मिलना चाहेंगे। उन्होंने कहा, “अब पहले शादी निपट जाए। हम चाहते हैं कि उससे पहले उनसे मुलाकात हो जाए लेकिन हमें आज ही इजाजत हो तो हम आज ही मिल लें।”

बिहार सरकार पर नियमों में बदलाव करने का आरोप

बाहुबली आनंद मोहन की रिहाई हाल ही में किए गए जेल कानूनों में बदलाव के बाद हुई है। ऐसे में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर आरोप लग रहा है कि उन्होंने ये बदलाव खास तौर पर आनंद मोहन की रिहाई के लिए किए। बिहार सरकार ने आनंद मोहन सहित कुल 27 कैदियों को समय से पहले रिहा कर दिया है।

आनंद मोहन साल 1994 में हुई गोपालगंज के कलेक्टर जी कृष्णय्या की हत्या में भूमिका पाए जाने पर दोषी ठहराए गए थे। जी कृष्णय्या की हत्या मुजफ्फरपुर के गैंगस्टर छोटा शुक्ला की शवयात्रा के दौरान कर दी गई थी। जी कृष्णय्या की हत्या के बाद लोकल कोर्ट ने अक्टूबर 1997 में आनंद मोहन को मौत की सजा सुनाई थी लेकिन पटना हाई कोर्ट ने दिसंबर 2008 में इसे उम्र कैद में बदल दिया था।

अब नीतीश कुमार सरकार द्वारा बिहार प्रिजन मैन्यूअल 2012 में बदलाव के बाद आनंद मोहन की रिहाई संभव हो सकी। आनंद मोहन की जेल से रिहाई के बाट जी कृष्णय्या की बेटी पदमा ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा कि हमारे लिए यह बहुत दुखद है कि आनंद मोहन सिंह को जेल से रिहा कर दिया गया है। नीतीश सरकार को इस फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए। यह सिर्फ एक परिवार नहीं बल्कि पूरे देश से भेदभाव करने वाला फैसला है। हम इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे।